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लोकसभा चुनाव 2024: मनोज तिवारी के सामने कन्हैया की चुनौती, जानें क्यों रोचक है बिहार के दो स्टार का यह मुकाबला

Hot seats in Lok Sabha Elections 2024: उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में पूर्वांचल के लोगों की भरमार है। इसी वजह से दोनों पार्टियों ने बिहार के नेताओं को टिकट दिया है। कांग्रेस की जीत भले ही मुश्किल हो, लेकिन कन्हैया यह मुकाबला रोचक जरूर बना देंगे।

Edited By: Shakti Singh
Updated on: April 16, 2024 16:37 IST
North East Delhi Lok Sabha Seat- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV उत्तर पूर्वी दिल्ल में बिहार के दो नेताओं के बीच मुकाबला है

लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट में बीजेपी के मनोज तिवारी के सामने कांग्रेस के कन्हैया कुमार की चुनौती है। मनोज तिवारी भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार हैं और अब राजनीति में भी अपनी पकड़ बना चुके हैं। वहीं, कन्हैया कुमार ने छात्र राजनीति से शुरुआत की और अब राहुल गांधी उन पर पूरा भरोसा जता रहे हैं। उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट में अधिकतर मतदाता ऐसे हैं, जो दूसरे राज्यों से आकर यहां बसे हैं। इनमें भी पूर्वांचल के लोगों की संख्या ज्यादा है। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने बिहार के नेताओं को टिकट दिया है। ये दोनों नेता भले ही बिहार से हैं, लेकिन इनकी राजनीति दिल्ली में ही पनपी है। इससे मुकाबला और भी रोचक हो गया है।

दिल्ली में कांग्रेस पार्टी की स्थिति बेहद खराब है। मौजूदा समय में देश की राजधानी में कांग्रेस का कोई विधायक नहीं है। लोकसभा चुनाव में तो 2014 से देश की सबसे पुरानी पार्टी कोई सीट नहीं जीत पाई है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने राज्य की सभी सात सीटों पर कब्जा जमाया हुआ है। इस बार बीजेपी ने दिल्ली में अपने छह विधायकों का टिकट काट दिया, लेकिन सिर्फ मनोज तिवारी पर तीसरी बार भरोसा जताया और कांग्रेस ने उन्हीं के सामने कन्हैया को उतारकर मुकाबला रोचक बना दिया है।

बीजेपी को मिलेंगे परंपरागत वोट

उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट पर मनोज तिवारी लगातार दो बार सांसद बन चुके हैं। दिल्ली की जनता राज्य में केजरीवाल और केंद्र में मोदी के चेहरे पर वोट करती है। सियासी जानकारों के अनुसार इस बार बीजेपी कन्हैया कुमार की कम्यूनिस्ट छवि के खिलाफ मनोज तिवारी की सनातनी छवि का फायदा उठाने की कोशिश करेगी। अगर सत्ताधारी पार्टी इसमें सफल रहती है तो कन्हैया की हार तो तय है और कांग्रेस को अन्य राज्यों में भी इसका नुकसान हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के कुछ नेता भी इस बात को लेकर चिंतित हैं।

क्या होगा कांग्रेस का दांव?

कांग्रेस पार्टी यहां कन्हैया को पढ़े लिखे और तेज तर्रार नेता के रूप में पेश करेगी। इसके साथ ही केजरीवाल को जेल होने से सहानुभूति बटोरने की भी कोशिश करेगी। कन्हैया छात्र राजनीति के समय से ही काफी चर्चित रहे हैं। वह अच्छे वक्ता भी हैं। ऐसे में वह बदलाव का चेहरा बनने की क्षमता रखते हैं। मनोज तिवारी के पुराने बयानों को लेकर वह आक्रामक हो सकते हैं। यहां मुस्लिम वोटर भी ठीक ठाक मात्रा में हैं। ऐसे में वोटों का ध्रुवीकरण होने पर कन्हैया को मुस्लिम वोट मिल सकते हैं। 2019 में कन्हैया बिहारी की बेगूसराय सीट पर बीजेपी के गिरिराज सिंह के खिलाफ हार गए थे, लेकिन तब से उनकी पार्टी से लेकर सीट और कद तक सब बदल चुका है।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के समीकरण

पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट के अंतर्गत 10 विधानसभा सीट आती हैं। इनमें से अधिकतर विधानसभा सीट आम आदमी पार्टी के कब्जे में हैं। यह दिल्ली के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक हैं। यहां की आबादी 22 लाख से ज्यादा है। यहां 28 फीसदी पूर्वांचली और 23 फीसदी मुस्लिम मतदाता सबसे ज्यादा हैं। दलित वोटर 16 फीसदी, ब्राम्हण 11 फीसदी, वैश्य 4.5 फीसदी, गुर्जर 7.5 फीसदी और ओबीसी मतदाता 20 फीसदी हैं। 2008 में अस्तित्व में आई इस सीट पर पहला चुनाव कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल ने जीता था। वहीं, 2014 और 2019 में बीजेपी के मनोज तिवारी यहां से सांसद बने।


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