ओडिशा का पुरी शहर श्रद्धा की दृष्टि से देश के सबसे पवित्र शहरों की लिस्ट में आता है। यहां स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यही कारण है कि हर बार लोकसभा चुनाव में भी पुरी सीट चर्चा के केंद्र में रहता है। आपको बता दें कि करीब 2 दशकों से भी अधिक समय से पुरी सीट नवीन पटनायक की बीजू जनता दल का गढ़ रहा है। हालांकि, साल 2019 में हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा के संबित पात्रा ने BJD के प्रत्याशी को कड़ी टक्कर दी थी। इसलिए भाजपा एक बार फिर से इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगाएगी। आइए जानते हैं क्या है पुरी लोकसभा सीट पर चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण।
क्या रहा है पुराने चुनाव का हाल?
साल 2019 में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल को पुरी लोकसभा सीट पर वोटिंग हुई थी। सीट पर मुख्य मुकाबला बीजद के पिनाकी मिश्रा और भाजपा के संबित पात्रा के था। दोनों के बीच मुकाबला टक्कर का भी हुआ। पुरी सीट पर 72 फीसदी वोटिंग हुए जिसमें 5,38,321 वोट पिनाकी मिश्रा तो वहीं, 5,26,607 वोट संबित पात्रा को मिले। हार का अंतर 11,714 वोट का रहा। वहीं, साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में भी बीजद के पिनाकी मिश्रा ने कांग्रेस के सुचित्रा मोहंती को 2,63,361 वोट से हराया था।
क्या है सियासी समीकरण?
ओडिशा की पुरी सीट 20 साल से अधिक समय से बीजद का गढ़ बनी हुई है। यहां करीब 15 लाख 50 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। इस सीट पर 96 फीसदी आबादी हिंदुओं की है। यहां ब्राह्मण वोटर्स भी अच्छी तादाद में हैं। यही कारण है कि भाजपा और बीजद दोनों ने ही बीते चुनाव में ब्राह्मण चेहरे को चुनाव में उतारा था।
साल 2019 में कब हुए थे चुनाव?
चुनाव आयोग ने 10 मार्च, 2019 को लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की थी। चुनाव आयोग द्वारा 7 चरणों में 2019 के चुनाव कराए जाने की घोषणा की गई थी। ये चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक चले थे। वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी। वहीं, साल 2014 में 7 अप्रैल से 12 मई तक चुनाव हुए थे। 16 मई को नतीजे जारी किए गए थे।