विदिशा: देश में लोकसभा चुनाव इस साल होने वाले हैं। इन चुनावों मतदाता अगले पांच साल के लिए सरकार का चुनाव करेगी। चुनावों से पहले ही राजनीतिक अखाड़ा सज चुका है। पार्टियां गठबंधन बना रही हैं। देश में कुल 543 लोकसभा सीटों पर चुनाव होता है। इन 543 सीटों में से एक सीट मध्य प्रदेश के विदिशा की भी है। यह सीट अपने आप में ही बड़ी ही ऐतिहासिक है। यहां से चुनाव जीतने वाले सांसद देश के प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री जैसे पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
यहां से चुनाव जीत चुके हैं अटल बिहारी वाजपेयी
साल 1991 के चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी यहां से चुनाव जीते थे। हालांकि, वह लखनऊ से भी चुनाव लड़े थे और बाद में उन्होंने विदिशा सीट छोड़ दी थी। बाद में इस सीट पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान चुनाव लड़े और लगातार पांच चुनाव जीते। इसी तरह तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज भी विदिशा सीट से दो बार सांसद थीं। आगे चलकर अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने तो सुषमा स्वराज देश की विदेश मंत्री बनीं। वहीं शिवराज सिंह तो प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे।
बीजेपी का गढ़ है विदिशा लोकसभा सीट
वहीं अगर वर्तमान समय की बात करें तो विदिशा लोकसभा सीट बीजेपी के लिए गढ़ बन चुकी है। वर्तमान में भी बीजेपी के रमाकांत भार्गव यहां से सांसद हैं। विदिशा संसदीय क्षेत्र में आठ विधानसभा आती हैं, जिनमें भोजपुर, सांची, सिलवानी, विदिशा, बासोदा, बुदनी, इछावर और खातेगांव शामिल है। इन आठ सीटों में से सात पर बीजेपी के विधायक हैं तो सिलवानी विधानसभा सीट से कांग्रेस के देवेंद्र पटेल विधायक हैं। इस सीट पर साल 1989 से लगातार बीजेपी के प्रत्याशी ही जीत हासिल कर रहे हैं।
साल 1989 में राघव जी ने जीत हासिल की थी। इसके बाद 1991 में अटलजी विजय हुए थे लेकिन उन्होंने यहां से इस्तीफा दे दिया था। क्योंकि वह लखनऊ से भी सांसद चुने गए थे। इसके बाद हुए उपचुनाव में शिवराज सिंह चौहान जीते और साल 2006 तक सांसद रहे। इसके बाद 2006 के उपचुनाव के दौरान रामपाल सिंह ने इस सीट से जीत हासिल। वहीं इसके बाद 2009 से 2019 तक सुषमा स्वराज यहां से सांसद रहीं। वहीं इस समय रमाकांत भार्गव यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
2019 चुनाव के नतीजे
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां से रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया गया था। जबकि कांग्रेस ने पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल को उम्मीदवार बनाया था। इस चुनाव में बीजेपी के रमाकांत भार्गव को 8 लाख 53 हजार 22 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस के शैलेन्द्र पटेल को 3 लाख 49 हजार 938 मत प्राप्त हुए थे। इस तरह बीजेपी के रमाकांत भार्गव ने यह चुनाव 5 लाख 3 हजार 84 वोटों से यह चुनाव जीत लिया था। इस तरह से बीजेपी ने इस सीट पर साल 1989 से चला आ रहा जीत का रिकॉर्ड भी कायम रखा।