बीजेपी के दिल्ली स्थित मुख्यालय में मुख्यमंत्री परिषद की अहम बैठक हुई है। इस बैठक में बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे। बैठक में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के साथ ही बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा भी मौजूद थे। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में यूपी में चल रही सियासी खींचतान पर भी फैसले की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि सीएम योगी की बैठक में दोनों डिप्टी सीएम नहीं पहुंचे थे जिसे लेकर आलाकमान नाराज है।
उत्तर प्रदेश की राजनीतिक उठापटक के बीच दिल्ली में आलाकमान ने इसमें दखल देते हुए इसे अनुशासनहीनता बताया है। यूपी में लोकसभा चुनाव के बाद मिली करारी हार के बाद वहां सियासी उठापटक चल रही थी। उसके बाद शनिवार को राज्य के मुख्यमंत्री सीएम योगी और राज्य के दोनों डिप्टी सीएम भी बैठक में शामिल होने दिल्ली पहुंचे हैं।
पीएम मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों को दिया मंत्र
पीएम मोदी ने इस बैठक में गुड गवर्नेंस पर जोर दिया और सभी राज्यों से कहा कि वे एक दूसरे की बेस्ट प्रैक्टिस के मॉडल को लागू करें। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के 100 प्रतिशत सैचुरेशन का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए मिशन मोड में कार्य करने के लिए कहा। इस बैठक में एनडीए शासित कुल 16 राज्यों के 13 मुख्यमंत्री और 15 डिप्टी सीएम शामिल हुए।
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्री अपने काम का हिसाब-किताब दिया। उन्हें पार्टी की ओर से एक फॉर्मेट दिया गया जिसमें अपने कार्यकाल की उपलब्धियां बताने को कहा गया। साथ ही उन योजनाओं को भी बताने को कहा गया, जिसे वह अबतक लागू नहीं कर पाए हैं।
इस बैठक में राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा, अरुणाचल प्रदेश के सीएम पेमा खांडू, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद हैं। बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति तय की जा सकती है। इस बैठक में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक भी मौजूद हैं।
बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा, बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी भी मौजूद हैं। बताया जा रहा है कि इस अहम बैठक में लोकसभा चुनावों में हुए भाजपा को नुकसान को लेकर खास चर्चा हुई।