पटना: लालू प्रसाद द्वारा नए साल के मौके पर नीतीश कुमार को महागठबंधन में वापस आने के दिए गए ऑफर को लेकर सियासी गर्माहट अभी भी थमी नहीं है। हालांकि आज नीतीश कुमार ने मीडिया के सामने खुलकर कहा कि वे एनडीए के साथ हैं, आरजेडी के साथ जाने का कोई सवाल ही नहीं है। वहीं इस मुद्दे पर RLM के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि लालू की इस बात का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं है।
लालू जी की बात का कोई राजनैतिक अर्थ नहीं-कुशवाहा
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि "लालू जी की एक उम्र हो गई है, कभी-कभी उन्हें पुरानी बात याद आती होगी तो मुंह से कुछ निकल जाता होगा। उनकी बात का कोई राजनैतिक अर्थ है ही नहीं कि इसपर टिप्पणी की जाए... नीतीश कुमार ने 1 बार नहीं कई बार स्पष्ट कर दिया कि वे साथ(NDA) हैं... इन बातों का कोई अर्थ नहीं है।" वहीं जन सुराज संस्थापक प्रशांत किशोर के आमरण अनशन पर उन्होंने कहा, "...वे सार्वजनिक क्षेत्र में आने की कोशिश कर रहे हैं, उन्हें जनता को दिखाना है कि वे कुछ कर रहे हैं। न तो उन्हें BPSC अभ्यर्थियों से कोई लेना-देना है और न ही उन्हें कोई दिलचस्पी है।"
लालू ने दिया था ऑफर
बता दें कि आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने नए साल के मौके पर कहा था कि नीतीश कुमार के लिए हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं। लालू के इस बयान के बाद नीतीश कुमार की ओर से कोई खास रिएक्शन नहीं आया था। इसके बाद से ऐसी अटकलें तेज थीं कि वे फिर से इंडिया गठबंधन का रुख कर सकते हैं। लालू यादव ने कहा था कि नीतीश के लिए हमारा दरवाजा खुला है और नीतीश को भी खोलकर रखना चाहिए। लालू ने कहा कि अगर नीतीश आते हैं तो साथ काहे नहीं लेंगे? नीतीश साथ में आएं, काम करें। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार साथ आते हैं फिर भाग जाते हैं, हम माफ कर देंगे।
दो बार इधर से उधर चले गए, अब नहीं जाएंगे
लालू का यह बयान सोशल मीडिया पर खूब वायरल होने लगा। साथ ही बिहार का सियासी पारा भी चढ़ने लगा। तरह-तरह की अटकलें लगाई जाने लगी। हालांकि एक प्रेस स्टेटमेंट में शनिवार को नीतीश कुमार ने कहा कि हम दो बार इधर से उधर चले गए थे, अब कहीं नहीं जाएंगे। साथ मिलकर बिहार का विकास करेंगे। यही बात उन्होंने आज मीडिया के सामने कैमरे पर भी कही कि अब कहीं जाने का सवाल नहीं उठता है। हम बिहार के विकास के लिए काम कर रहे हैं।