Highlights
- गवर्नर खान ने राज्य को संसाधनों का आवंटन घटाकर उसे वित्तीय मुश्किलों में कथित तौर पर धकेलने के लिए केंद्र की आलोचना की।
- केंद्र सरकार द्वारा राज्यों से परामर्श किए बिना लागू कानून राज्यों तथा समवर्ती सूची में शामिल विषयों का स्थान ले रहे हैं: खान
- विपक्षी कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए।
तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विपक्षी दल यूडीएफ की उनके खिलाफ नारेबाजी के बीच शुक्रवार को विधानसभा में पारंपरिक संबोधन देते हुए वाम सरकार की प्रशासनिक उपलब्धियों का जिक्र किया और राज्य को संसाधनों का आवंटन घटाकर उसे वित्तीय मुश्किलों में कथित तौर पर धकेलने के लिए केंद्र की आलोचना की। विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत में नीतिगत संबोधन देते हुए खान ने ‘सहकारी संघवाद’ की महत्ता पर जोर दिया और कहा कि केंद्र सरकार द्वारा राज्यों से परामर्श किए बिना लागू कानून राज्यों तथा समवर्ती सूची में शामिल विषयों का स्थान ले रहे हैं।
विजयन सरकार से टकराव का सामना कर रहे हैं गवर्नर खान
ऐसी अटकल लगायी जा रही थी कि विभिन्न मामलों पर पिनरायी विजयन सरकार से टकराव का सामना कर रहे खान राज्य सरकार के नीति दस्तावेज के उन हिस्सों को छोड़ सकते हैं जिसमें केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार की आलोचना की गयी है। बहरहाल, राज्यपाल ने अपने संबोधन में ऐसा कोई हिस्सा नहीं छोड़ा। कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ ने उनके और सीपीएम के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बीच ‘गठजोड़’ का आरोप लगाते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया। केरल विधानसभा के बजट सत्र की शुरुआत शुक्रवार को हंगामे के साथ हुई।
गवर्नर खान के खिलाफ यूडीएफ ने लगाए वापस जाओ के नारे
विपक्षी कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए और सदन की कार्यवाही का बहिष्कार करने के बाद धरना दिया। सत्र शुरू होने पर राज्यपाल अभिभाषण देने के लिए जैसे ही विधानसभा कक्ष में दाखिल हुए तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी और उन्हें बैनर दिखाए जिसमें लिखा हुआ था कि उन्होंने मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन को बचाने के लिए लोकायुक्त अध्यादेश पर हस्ताक्षर किए। वाम सरकार द्वारा लाए गए इस अध्यादेश की वजह से हाल में राज्य में राजनीतिक तूफान उठ खड़ा हुआ था।
नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चले गए विपक्षी सदस्य
विपक्षी दलों ने इसका विरोध करते हुए दावा किया है कि इससे भ्रष्टाचार रोधी संस्था कमजोर होगी। जब विपक्ष के नेता वी. डी. सतीशन ने कुछ कहने की कोशिश की तो नाराज प्रतीत हो रहे खान ने कहा कि यह प्रदर्शन का वक्त नहीं है। विपक्ष के नेता को ‘जिम्मेदार व्यक्ति’ बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके सामने विधानसभा का सत्र है जहां सभी मु्द्दों पर चर्चा की जा सकती है। नारेबाजी को नजरअंदाज करते हुए उन्होंने नीति दस्तावेज पढ़ना भी शुरू कर दिया। लेकिन जैसे ही अभिभाषण शुरू हुआ तो विपक्षी सदस्यों ने नारेबाजी करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया और बाहर सीढ़ियों पर धरने पर बैठ गए।
केंद्र से राजस्व में गंभीर कटौती का सामना कर रहा है
राज्यपाल ने राज्य की वित्तीय परेशानियों का जिक्र करते हुए कहा कि कोविड के कारण राजस्व को हुए नुकसान के अलावा केरल केंद्र से राजस्व में गंभीर कटौती का सामना कर रहा है। केंद्रीय बजट में केरल की किसी भी लंबित मांग को स्थान न दिए जाने की बात करते हुए खान ने कहा कि राज्य सरकार उम्मीद करती है कि केंद्र उसकी महत्वाकांक्षी के-रेल गलियारा परियोजना को मंजूरी देगा। इसका केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा हाल में पेश किए गए बजट में कोई जिक्र नहीं किया गया। एलडीएफ सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सतत विकास, स्वास्थ्य, आम शिक्षा जैसे क्षेत्रों में अग्रिम मोर्चे पर रहा है।
‘सरकार प्रभावी तरीके से वैक्सिनेशन प्रोग्राम चला रही है’
खान ने कहा कि राज्य सरकार समाज में कोविड-19 के खिलाफ हर्ड प्रभावी रूप से टीकाकरण अभियान चला रही है। मुल्लापेरियार बांध के मुद्दे का उल्लेख करे हुए खान ने कहा कि केरल अपने लोगों की जिंदगियों की सुरक्षा करते हुए तमिलनाडु को पानी देने के लिए प्रतिबद्ध है और उसने मौजूदा बांध के स्थान पर नया बांध बनाने का प्रस्ताव दिया है।