केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालयों में कुलपति पद पर नियुक्तियों में उनके राजनीतिक हस्तक्षेप करने के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के आरोप को बृहस्पतिवार को खारिज कर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि वह ऐसा एक भी उदाहरण सामने आने पर इस्तीफा दे देंगे। राज्यपाल ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ''वे (वामपंथी सरकार व मुख्यमंत्री) कह रहे हैं कि मैं ऐसा (कुलपतियों के खिलाफ कार्रवाई) इसलिए कर रहा हूं ताकि वहां आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के लोगों को नियुक्त कर सकूं। अगर मैंने ऐसे किसी एक व्यक्ति को भी नामित किया हो या अपने पद का इस्तेमाल कर आरएसएस के ही नहीं बल्कि अन्य किसी को भी नामित किया हो तो मैं इस्तीफा दे दूंगा। पर क्या वह (मुख्यमंत्री) आरोप साबित नहीं कर पाए तो इस्तीफा देंगे?''
तस्करी की गतिविधियों को संरक्षण देने का आरोप
खान ने यह आरोप भी लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय राज्य में तस्करी की गतिविधियों को संरक्षण दे रहा है और ऐसे हालात में उनके पास हस्तक्षेप करने का आधार है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ''मैंने कभी हस्तक्षेप नहीं किया। लेकिन अब मैं देख रहा हूं कि तस्करी की सभी गतिविधियों को मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा संरक्षण मिल रहा है। सीएमओ में बैठे लोग कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति को अपने कम योग्यता प्राप्त और अयोग्य रिश्तेदारों की नियुक्ति के लिए निर्देश देते हैं। मैंने कभी हस्तक्षेप नहीं किया।''
मुख्यमंत्री के करीबी तस्करी गतिविधियों में शामिल: खान
खान ने कहा, ''लेकिन यदि राज्य सरकार, सीएमओ और मुख्यमंत्री के करीबी लोग तस्करी गतिविधियों में शामिल हैं तो निश्चित रूप से मेरे हस्तक्षेप करने का आधार बनता है।'' राज्यपाल ने साथ ही मुख्यमंत्री विजयन को सार्वजनिक तौर पर चुनौती देते हुए पूछा कि क्या आरोप साबित न कर पाने पर वह पद से इस्तीफा देंगे?