नीति आयोग की बैठक में इस बार कर्नाटक शामिल नहीं होगा। इसकी घोषणा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने की है। सिद्धारमैया ने निर्मला सीतारमण व केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि राज्य की जरूरतों पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में सर्वदलीय सांसदों की बैठक बुलाने के मेरी कोशिशों के बावजूद बजट में राज्य के मांगों को नजरअंदाज किया गया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इसकी घोषणा की है।
वित्त मंत्री को भी घेरा
सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर सीएम सिद्धारमैया ने लिखा, "कर्नाटक की आवश्यक आवश्यकताओं पर चर्चा करने के लिए नई दिल्ली में सर्वदलीय सांसदों की बैठक बुलाने के मेरे गंभीर प्रयासों के बावजूद, केंद्रीय बजट में हमारे राज्य की मांगों की उपेक्षा की गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी सर्वदलीय बैठक में भाग लिया, उन्होंने कर्नाटक के लोगों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया है। हमें नहीं लगता कि कन्नड़ लोगों की बात सुनी जा रही है, और इसलिए हमारा नीति आयोग की बैठक में भाग लेने का कोई मतलब नहीं है।
नहीं लेगा कर्नाटक बैठक में भाग
सीएम ने आगे लिखा, "हमने विरोध स्वरूप 27 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में होने वाली नीति आयोग की बैठक का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। यहां तक कि मेकेदातु और महादयी को मंजूरी देने की हमारे किसानों की मांगों को भी नजरअंदाज कर दिया गया है। विभिन्न श्रेणियों के तहत हमारे राज्य को मिलने वाले फंड में कटौती करने के उनके पाप को सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया गया। मेट्रो और अन्य इंफ्रा परियोजनाओं के लिए फंड अभी भी एक दूर का सपना है।"
पीएम पर बोला हमला
सीएम ने पीएम मोदी को टैग करते हुए लिखा कि नरेंद्र मोदी आंध्र प्रदेश और बिहार के अलावा अन्य राज्यों को नहीं देख पा रहे हैं क्योंकि उनकी नज़र प्रधानमंत्री पद पर है। उनका एजेंडा लोगों के सामने उजागर हो चुका है। हमें उम्मीद है कि हमारे राज्य के लोग न्याय की हमारी लड़ाई में हमारे साथ खड़े होंगे।
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