भोपाल: कर्नाटक में बड़ी जीत के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस में भी जोश का माहौल है और पार्टी खुलकर हिंदुत्व की पिच पर बैटिंग करने की प्लानिंग कर रही है। राम और बजरंगबली जैसे बीजेपी के चुनावी जीत के फॉर्मूले को कांग्रेस मध्य प्रदेश में अपनाते हुए अब 230 विधानसभा सीटों पर सुंदर कांड, रामलीला और भगवत गीता का पाठ कराने जा रही है। कई जगहों पर तो कांग्रेस कार्यकर्ता बकायदा सुंदर कांड का पाठ कर रहे हैं और उन्हें देखकर किसी को भी इनके बीजेपी के लोग होेने का धोखा हो सकता है। अब कांग्रेस कार्यालय में भी भगवा झंडे खूब नजर आ रहे हैं।
कांग्रेस निकलवा रही है कलश यात्रा
कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में नारी सम्मान योजना का शुभारंभ किया है जिसके तहत कमलनाथ ने महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये के साथ-साथ 500 रुपये में गैस सिलेंडर देने की घोषणा की है। इसके साथ ही कांग्रेस के धर्म एवं उत्सव प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ऋचा गोस्वामी भागवत कथा का आयोजन कर रही हैं और भगवा कपड़ों में लोगों की कलश यात्रा निकलवा रही हैं। माना जा रहा है कि कांग्रेस के कार्यालयों में ऐसे नजारे जल्द ही आम होने वाले हैं और बीजेपी को पार्टी उसी के खेल में मात देने की पूरी तैयारी कर चुकी है।
कांग्रेस दफ्तर में ‘जय श्री राम’ के नारे
बता दें कि कभी सुंदर कांड, हनुमान चालीसा और भागवत कथाओं की यह धार्मिक पिच बीजेपी की हुआ करती थी, जिस पर फ्रंटफुट पर खेलते हुए पार्टी ने राज्यों से लेकर केंद्र तक के चुनाव जीते। कर्नाटक में बीजेपी ने कांग्रेस को बजरंग दल बैन करने के वादे को लेकर जमकर घेरा, लेकिन कांग्रेस को बंपर जीत मिली। नतीजे में कांग्रेस के दफ्तर पर बीजेपी के कॉपीराइट वाले जय श्री राम और बजरंगबली के नारे सुनाई देने लगे। अब कांग्रेस फ्रंटफुट पर आकर खेल रही है और चुनाव से पहले सभी 230 विधानसभाओं में धार्मिक कार्यक्रम कराने जा रही है।
बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
2018 के चुनाव राहुल गांधी की मध्य प्रदेश में की गई धार्मिक यात्राओं को बीजेपी ने ‘चुनावी हिंदुत्व’ कह कर घेरा था, यही वजह है कि 2023 के लिए कांग्रेस ने अपनी मजबूत तैयारी की है। कांग्रेस ने इसकी काट के लिए धार्मिक प्रकोष्ठ का गठन किया, और तमाम धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जिनमें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अक्सर नजर आते रहे हैं। वहीं, बीजेपी को कांग्रेस का यह ‘हिंदुत्व प्रेम’ रास नहीं आ रहा है और वह लगातार इसे लेकर निशाना साध रही है। कुल मिलाकर लगता है कि कांग्रेस यह समझ चुकी है कि बीजेपी को हराने के लिए उसकी पिच पर खेलना जरूरी है।