कर्नाटक का सीएम तय करने के लिए दिल्ली में हलचल तेज़ हो गई है। हाईकमान के बुलाने पर डीके शिवकुमार दिल्ली पहुंच गए हैं और वह कांग्रेस अध्यक्ष खरगे के घर हो रही मीटिंग में शामिल होंगे। बड़ी बात ये है कि खरगे के घर जाने से पहले शिवकुमार ने दिल्ली एयरपोर्ट पर अपने भाई सांसद डीके सुरेश के साथ मीटिंग की है। भाई के साथ मीटिंग करने के बाद डीके शिवकुमार खरगे के घर के लिए निकल गए।
विधायकों की वोटिंग का कोई मतलब नहीं- डीके
दिल्ली एयरपोर्ट से बाहर निकलने से पहले डीके शिवकुमार ने अपने भाई और सांसद डीके सुरेश के साथ मीटिंग की है।
सूत्रों ने बताया कि डीके शिवकुमार सबसे पहले सोनिया गांधी से मिलना चाहते हैं। लेकिन सोनिया दिल्ली में नहीं हैं ऐसे में ये मीटिंग सम्भव नहीं है। सूत्रों ने बताया कि डीके शिवकुमार की ओर से ये कहा गया है कि CLP की मीटिंग के बाद जब एक लाइन का ये फैसला लिया गया कि पार्टी आलाकमान ही सीएम पद पर अंतिम फैसला करेगा तो विधायकों की वोटिंग का कोई मतलब नहीं रह जाता।
डीके शिवकुमार गुट ने क्या कहा?
डीके शिवकुमार गुट का कहना है कि कांग्रेस की एतिहासिक जीत डीके शिवकुमार की वजह से संभव हुई है, उनके योगदान का सम्मान हो। डीके कैंप का कहना है कि सिद्दारमैया को पहले भी एक बार मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला है, इसलिए इस बार डीके शिवकुमार को मौका दिया जाए।
सिद्दारमैया गुट बोला- विधायकों की राय पर हो फैसला
वहीं डीके शिवकुमार के उलट सिद्दारमैया गुट का कहना है कि किसी भी तरह की मीटिंग शुरू होने से पहले सीक्रेट बैलेट बॉक्स खोला जाए और वोटों की गिनती हो। इसमें जिसे ज्यादा MLA का समर्थन मिला हो उसके नाम पर मुहर लगाई जाए। सूत्रों की मानें तो सिद्दारमैया कैंप ने कहा कि मुख्यमंत्री के नाम पर अंतिम फैसला आलाकमान को सौंपना महज एक औपचारिकता है, फैसला विधायकों की राय के आधार पर ही हो। कर्नाटक से गए सभी सीनियर लीडर्स को मल्लिकार्जुन खरगे के घर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
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