कर्नाटक में जहां एक तरफ सीएम सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की जा रही है। वहीं दूसरी तरफ गुरुवार को कर्नाटक सरकार के मंत्रियों ने सीएम सिद्धारमैया के साथ एकजुटता दिखाई है। बता दें कि सिद्धारमैया एमयीडीए भूखंड आवंटन मामले के आरोपों में घिरे हुए हैं, जिसके बाद से लगातार उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण के भूखंड आवंटन मामले में संलिप्तता को लेकर विपक्षी दल इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। ऐसे में राज्य सरकार के मंत्रियों ने सिद्धारमैया के प्रति एकजुटता दिखाई और समर्थन व्यक्त किया। बता दें कि यह कदम सत्तारूढ़ कांग्रेस में पर्दे के पीछे जारी राजनीतिक गतिविधियों के बीच उठाया गया है।
मंत्रियों ने बंद कमरे में की बैठक
बता दें कि सिद्धारमैया के मंत्रिमंडल के कुछ मंत्रियों ने हाल में ही एक बंद कमरे में बैठकें की थी। इसके बाद से नेतृत्व के परिवर्तन की अटकलें तेज हो गई थी। इस दौरान विधि एवं संसदीय कार्य मंत्री एचके पाटिल ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, ‘‘यहां तक कि (मंत्रियों की कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन) खरगे से मुलाकात को भी आप (मीडिया) गलत तरीके से पेश कर रहे हैं, यहां तक कि अगर मंत्री किसी भोज के दौरान मिलते हैं तो भी इसे गलत तरीके से पेश किया जाता है, ऐसे में आज कैबिनेट की बैठक के दौरान सभी मंत्रियों ने (मुख्यमंत्री के साथ) एकजुटता एवं समर्थन व्यक्त किया और कहा कि हम उनके साथ हैं।’’
आलाकमान का आदेश- खत्म किए जाएं अफवाह
मंत्री एच के पाटिल ने संवाददाताओं से कहा, कुछ रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान ने सिद्धारमैया को लेकर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से नेतृत्व परिवर्तन संबंधी अफवाहों को खत्म करने को कहा है। आलाकमान ने कुछ मंत्रियों द्वारा दिए जा रहे बयान और अलग से की जा रही बैठकों पर नाराजगी व्यक्त की है। इस बीच विपक्षी दलों द्वारा सीएम सिद्धारमैया के इस्तीफे की लगातार मांग की जा रही है। लोक निर्माण मंत्री सतीश जारकीहोली ने रविवार को तुमकुरू में गृहमंत्री जी परमेश्वर से मुलाकात की, जो अनुसूचित जाति समुदाय के वरिष्ठ नेता है।
(इनपुट-भाषा)