नई दिल्ली: पांच दिनों से चल रहे कर्नाटक कांग्रेस के सियासी नाटक का आज अंतिम दिन है। अब कांग्रेस की वो प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है जिसका इंतज़ार पिछले पांच दिन से हो रहा था। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के नाम का ऐलान किया। इससे पहले बुधवार को आधी रात सिद्धारमैया के नाम पर डीके शिवकुमार ने अपनी सहमति दे दी थी जिसके बाद आज दोनों केसी वेणुगोपाल के घर पर पहुंचे। वहां ब्रेकफास्ट मीटिंग के बाद सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार एक कार में सवार होकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के घर पहुंचे। खरगे के साथ दोनों की तस्वीर रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट की है।
आज सामने आई सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार की फोटो ने राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की याद दिला दी। तब भी राजस्थान और मध्य प्रदेश कांग्रेस सीएम की कुर्सी को लेकर लंबी खींचतान चली थी। राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट मुख्यमंत्री की कुर्सी के दावेदार थे तो एमपी में कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया। लेकिन उस वक्त भी मेहनत की बजाय कांग्रेस हाईकमान ने अनुभव को तवज्जो दी थी।
शिवकुमार की मेहनत पर सिद्धारमैया का अनुभव पड़ा भारी
बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया एक बार फिर मुख्यमंत्री बनेंगे तो पार्टी को समय-समय पर संकट से उबारने वाले डीके शिवकुमार को डिप्टी सीएम के पद से ही संतुष्ट होना पड़ेगा। कांग्रेस आलाकमान के फैसले के बाद अब बेंगलुरु में सिद्धारमैया खेमें में जहां जश्न है वहीं कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार को चार दिनों की रस्सा कस्सी के बाद हाईकमान के आगे सरेंडर करना पड़ा।
कर्नाटक सीएम का फैसला कांग्रेस हाईकमान के लिए बहुत मुश्किल भरा था। नतीजों के बाद पल पल बदलते समीकरण के बीच कर्नाटक के कुर्सी के किस्से आगे बढ़ते रहे और डीके शिवकुमार की मेहनत पर सिद्धारमैया का अनुभव भारी पड़ गया।
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बता दें कि राहुल गांधी ने ऑब्जर्वर्स से सभी विधायकों से वन-टु-वन बात करने को कहा था। सूत्रों की मानें तो इनमें 80 से ज्यादा विधायकों ने सिद्धारमैया के फेवर में वोट किया था जाहिर है हाईकमान ने उसी इनपुट के आधार पर ये फैसला लिया है।