बेंगलुरुः कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स हैंडल ट्वीट कर कहा कि कन्नड़ भूमि में किसी भी कन्नड़ को नौकरी से वंचित नहीं किया जाना चाहिए ताकि वे शांतिपूर्ण जीवन जी सकें। हमारी सरकार कन्नड़ समर्थक है। सीएम ने बताया कि राज्य के निजी उद्योगों और अन्य संगठनों में कन्नड़ लोगों को प्रशासनिक पदों के लिए 50% और गैर-प्रशासनिक पदों के लिए 75% आरक्षण तय करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी गई।
पहले सीएम ने ट्वीट कर कही थी ये बात
इससे पहले सीएम सिद्धारमैया ने ट्वीट कर कहा था कि कर्नाटक कैबिनेट ने ग्रुप सी और डी पदों के लिए निजी क्षेत्र में कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण अनिवार्य करने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी है। सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। हालांकि सीएम ने कुछ देर के बाद ट्वीट को डिलीट कर दिया और नए ट्वीट में बताया कि कन्नड़ के लोगों को सरकारी पदों के लिए 50% और गैर-प्रशासनिक पदों के लिए 75% आरक्षण दिया जाएगा।
सीएम के बयान पर श्रम मंत्री को देनी पड़ी सफाई
कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष एस लाड ने बुधवार को स्पष्ट किया कि राज्य में निजी फर्मों में नौकरी आरक्षण गैर-प्रबंधन भूमिकाओं के लिए 70 प्रतिशत और प्रबंधन स्तर के पदों के लिए 50 प्रतिशत है। संतोष लाड का स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के एक्स पोस्ट पर विरोध के बीच आया है, जिसमें घोषणा की गई थी कि निजी कंपनियों में ग्रुप सी और ग्रुप डी की सभी नौकरियों में कन्नड़ लोगों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण होगा। हालांकि, मुख्यमंत्री ने उस पोस्ट को डिलीट कर दिया।
गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जा सकता है बिल
समाचार एजेंसी पीटीआई ने कानून विभाग के हवाले से खबर दी है कि 'कर्नाटक राज्य उद्योगों, कारखानों और अन्य प्रतिष्ठानों में स्थानीय उम्मीदवारों को रोजगार विधेयक, 2024' गुरुवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा।
प्राइवेट कंपनियों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को मिलेगी नौकरी
विधानसभा में बिल पास होने के बाद राज्य के किसी भी कोई भी उद्योग, कारखाना या अन्य संस्थानों में 70 प्रतिशत स्थानीय लोगों को नौकरी पर रखना अनिर्वाय होगा। सीएम ने कहा कि कन्नडिगाओं को कन्नड़ भूमि में नौकरियों से वंचित नहीं होना चाहिए और उन्हें मातृभूमि में आरामदायक जीवन बनाने का अवसर दिया जाना चाहिए।
नैसकॉम ने जताई नाराजगी
नैसकॉम ने कर्नाटक सरकार के कन्नडिगा को प्राइवेट सेक्टर में नौकरी पर रिजर्वेशन के मसौदे पर असंतुष्टि जाहिर की है। नैसकॉम ने कहा कि लोकल टेलेंट की कमी के चलते कंपनियों को राज्य से बाहर जाने के बारे में सोचने पर विवश होना पड़ेगा।