बेंगलुरु: कर्नाटक के पूर्व मंत्री केएस ईश्वरप्पा के 'गद्दारों को गोली मारो' बयान ने प्रदेश की राजनीति में हंगामा खड़ा कर दिया है। बीजेपी के ही कई नेताओं ने उन्हें सोच-समझकर बोलने की नसीहत दी है। वहीं कई नेता उनके बयान का बचाव करते दिखे। वहीं बीजेपी नेता के इस बयान को लेकर उनके खिलाफ एक FIR दर्ज की गई है और उन्हें एक नोटिस भी दिया गया है। हालांकि इस कारवाई के बाद ईश्वरप्पा ने कहा कि वह इस तरह की प्राथमिकियों से नहीं डरते हैं।
दावणगेरे एक्सटेंशन पुलिस थाने FIR दर्ज
दावणगेरे एक्सटेंशन पुलिस थाने ने इलाके के निवासी हनुमनथप्पा की शिकायत पर यह मामला दर्ज किया है। बता दें कि ईश्वरप्पा ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में कहा था, मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील करना चाहता हूं कि वह उन दो गद्दारों (डीके सुरेश और विनय कुलकर्णी) को गोली मारने के लिए कानून बनाएं, जो दक्षिण भारत को एक अलग देश बनाना चाहते हैं।
इस तरह की प्राथमिकियों से नहीं डरता- ईश्वरप्पा
वहीं FIR पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ईश्वरप्पा ने शिवमोगा में कहा कि वह इस तरह की प्राथमिकियों से नहीं डरते हैं। ईश्वरप्पा ने कहा, मैं राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के सिद्धांतों पर अपने खिलाफ ऐसी 100 प्राथमिकियों से भी नहीं डरता। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा था कि भाजपा नेता के बयान को लेकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बयान का निकाला गया गलत मतलब- येदियुरप्पा
वहीं बीजेपी नेता के इस बयान के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हैरानी जताते हुए कहा था कि क्या यह एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता का बयान है। वहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा ने शनिवार को कहा कि कुछ लोग पूर्व मंत्री के एस ईश्वरप्पा की ‘देशद्रोहियों को गोली मारो’ वाली टिप्पणी को अलग अर्थ देने के लिए तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘‘लोग ईश्वरप्पा के बयान के बारे में नकारात्मक मतलब निकाल रहे हैं। ईश्वरप्पा ने केवल देशद्रोहियों को गोली मारने के लिए कानून बनाने की मांग की थी। ईश्वरप्पा के बयान और उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों के बीच कोई संबंध नहीं है।’’
डीके सुरेश ने क्या कहा था?
गौरतलब है कि कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के भाई डीके सुरेश ने 1 फरवरी को यह दावा किया था कि दक्षिणी राज्यों से संग्रहीत कर उत्तर भारत के राज्यों को वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि यदि इस अन्याय को नहीं रोका गया तो दक्षिणी राज्य एक अलग राष्ट्र की मांग करने को मजबूर हो जाएंगे। हालांकि अपने भाई के बयान का बचाव करते हुए उपमुख्यमंत्री शिवकुमार ने कहा था कि सुरेश ने केवल जनता की धारणा के बारे में कहा था।