बैंगलुरु: कर्नाटक कैबिनेट ने शुक्रवार को मुसलमानों के लिए 4 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को खत्म करने का फैसला किया है। मुसलमानों के आरक्षण को 10 फीसदी ईडब्ल्यूएस कोटा में रखा जाएगा। मुसलमानों का 4 प्रतिशत कोटा वोक्कालिगा (2 प्रतिशत) और लिंगायत (2 प्रतिशत) को दिया जाएगा। दरअसल, पहले से ही ऐसी खबरें थी कि बीजेपी मुसलमानों को ओबीसी कोटे के तहत मिलने वाले 4 फीसदी आरक्षण को खत्म कर देगी।
वोटों की राजनीति !
पार्टी के नेताओं को लगता है कि इस तरह के कदम से आगामी विधानसभा चुनावों में वोटों की अच्छी पैदावार होगी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण भी करेगा। मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने पहले भी इसपर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और सरकार को दुस्साहस में नहीं पड़ने की चेतावनी भी दी थी। लेकिन शुक्रवार कर्नाटक सरकार ने ओबीसी कोटे के तहत मिलने वाले 4 फीसदी आरक्षण को खत्म कर दिया।
पंचमासली लिंगायत, कुरुबा और अन्य ओबीसी ने किया था आंदोलन
कर्नाटक में पंचमासली लिंगायत, कुरुबा और अन्य समुदाय ने विभिन्न श्रेणियों के तहत आरक्षण का दावा करते हुए आंदोलन शुरू कर दिया था। बीजेपी के कुछ विधायकों की राय थी कि मुसलमानों और ईसाइयों को दिया गया आरक्षण वापस लिया जाना चाहिए और हिंदू अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को दिया जाना चाहिए। उनका तर्क था कि संविधान जाति आधारित आरक्षण प्रदान करता है और धर्म आधारित आरक्षण प्रदान नहीं करता है।
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