नई दिल्ली: कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान हो गया है। राज्य में सभी 224 विधानसभा सीटों के लिए एक चरण में 10 मई को मतदान होगा और 13 मई को मतगणना होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बुधवार को राज्य विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए अधिसूचना 13 अप्रैल को जारी होगी, नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 20 अप्रैल है तथा नामांकन 24 अप्रैल तक वापस लिए जा सकते हैं। कर्नाटक की मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 24 मई को खत्म हो रहा है।
कर्नाटक में बीजेपी सत्ता में हैं और कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल की भूमिका में है। जनता दल (सेक्युलर) प्रदेश में तीसरी बड़ी राजनीतिक ताकत है। राज्य में मुख्य मुकाबला सत्ताधारी बीजेपी और कांग्रेस के बीच है। कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी के लिए पूरी दमखम के साथ जुटी है।
क्या है कर्नाटक चुनाव 2023 के बड़े मुद्दे?
कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण को लेकर दो बड़े फैसले किए। पहले फैसले के तहत सरकार ने OBC मुसलमानों के लिए 4% कोटा खत्म कर दिया। उन्हें 10 प्रतिशत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) श्रेणी के तहत रखने का फैसला किया। दूसरा फैसला ये कि इस 4% कोटे को वोक्कालिगा और लिंयागत समुदायों में बांटा गया है। इस फैसले के बाद वोक्कालिगा के लिए कोटा 4% से बढ़ाकर 6% कर दिया गया है। पंचमसालियों, वीरशैवों और अन्य लिंगायत श्रेणियों के लिए कोटा 5% से बढ़ाकर 7% हो गया है। वहीं, मुस्लिम समुदाय को अब EWS कोटे के तहत आरक्षण मिलेगा। इसे लेकर कर्नाटक में चुनाव से पहले सियासत शुरू हो गई है।
आरक्षण के अलावा राज्य में इन बड़े मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाएगा-
- महाराष्ट्र सीमा विवाद
- साम्प्रदायिक तनाव
- टीपू सुल्तान
- सावरकर
- हिजाब
- भ्रष्टाचार
किस रीजन में कितनी सीट?
हैदराबाद कर्नाटक- 40
कित्तूर कर्नाटक- 44
तटीय क्षेत्र- 19
ओल्ड मैसूर- 66
सेंट्रल कर्नाटक- 27
बेंगलुरु- 28
कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2013 और 2018 के आंकड़े
पिछली बार कर्नाटक में मई 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। कर्नाटक में साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 224 सीटों में से कांग्रेस को 80 सीटें मिली थीं जबकि बीजेपी को 104 सीटें हासिल हुई थी। वहीं, जेडीएस के खाते में 37 सीटें आई थीं। इससे पहले 2013 के चुनाव में कांग्रेस को 122 जबकि बीजेपी और जेडीएस के खाते में 40-40 सीटे आई थीं।
2018 और 2013 में किसे कितना वोट शेयर?
कर्नाटक का कास्ट फैक्टर
कर्नाटक में तमाम मुद्दों के बावजूद एक ऐसा फैक्टर है जो कर्नाटक की राजनीति तय करता है। कर्नाटक में वो एक्स फैक्टर लिंगायत समुदाय है। माना जाता है कि लिंगायत समुदाय जिसकी तरफ मुड जाता है सत्ता की चाभी उसके पास चली जाती है। कर्नाटक की कुल आबादी में लिंगायतों की संख्या 14 फीसदी है, जो 110 विधानसभा सीटों पर सीधा असर डालते हैं।
- मुसलमान- 12.92%
- दलित- 19.5%
- ओबीसी- 16%
- लिंगायत- 14%
- वोक्कालिगा- 11%
- कुरुबा- 7%
कर्नाटक चुनाव का धर्म फैक्टर
कर्नाटक में जो पार्टी जनता का मूड भांप लेगी उसे ही राज्य की गद्दी मिलेगी लेकिन यहां धर्म भी एक ऐसा फैक्टर जिसमें कोई शक नहीं है कि वोटों का बंटवारा होगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, कर्नाटक में 12.92 फीसदी मुस्लिम आबादी थी। हिंदू 84 फीसदी तो वहीं इसाई समुदाय की आबादी 1.87 फीसदी थी।
- हिन्दू- 84.00%
- मुसलमान- 12.92%
- ईसाई- 1.87%
- अन्य- 1%