Highlights
- बोम्मई सरकार पर कांग्रेस ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप
- प्रधानमंत्री मोदी से की मामले में दखल की मांग
- विपक्ष की राज्य सरकार को बर्खास्त करने की अपील
नई दिल्ली: कांग्रेस ने सोमवार को कर्नाटक की भाजपा सरकार के मंत्रियों पर ठेकेदारों से 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वह भ्रष्टाचार के इस मामले में दखल दें और राज्य सरकार को बर्खास्त करें। इतना ही नहीं विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कि इस मामले की अदालत की निगरानी में जांच होनी चाहिए।
कांग्रेस के आरोपों पर फिलहाल भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘बोम्मई सरकार और उसके मंत्रियों के खिलाफ सरेआम भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इसके बावजूद, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, ईडी, सीबीआई और एसीबी ‘मौन की मुद्रा’ में हैं।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘शिकायत करने वाला भाजपा नेता है। क्या कर्नाटक में भाजपा का मतलब ‘खाओ और खिलाओ’ है?’’
पार्टी के वरिष्ठ नेता एल हनुमंतैया ने संसद के बाहर विजय चौक पर संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक के कई ठेकेदारों के संगठन ने कहा है कि कर्नाटक सरकार के मंत्री सरकारी ठेकों में 40 प्रतिशत कमीशन मांग कर रहे हैं और इससे उन्हें बहुत मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा है कि कर्नाटक के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री के. ईश्वरप्पा पर आरोप लगा है कि उनके साथियों ने एक ठेकेदार से कमीशन की मांग की।
उन्होंने दावा किया कि इस ठेकेदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह और भाजपा नेताओं से संपर्क किया, लेकिन कुछ नहीं हुआ। हनुमंतैया ने कहा, ‘‘एक बार प्रधानमंत्री ने कांग्रेस की सिद्धरमैया सरकार को ‘कमीशन की सरकार’ कहा था। लेकिन आज भाजपा की सरकार के मंत्री 40 प्रतिशत कमीशन सरेआम मांग रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हम प्रधानमंत्री से चाहते हैं कि वह इस मामले में दखल दें और कर्नाटक सरकार को बर्खास्त किया जाए साथ ही जिन लोगों के खिलाफ आरोप लगे हैं उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाए।’’
कांग्रेस प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सैयद नासिर हुसैन ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि आप चुप क्यों है? आप इस सरकार को बर्खास्त क्यों नहीं करते?’’ उन्होंने कहा कि सरकार को बर्खास्त किया जाए और उच्च न्यायालय की देखरेख में एक निष्पक्ष जांच हो।