Friday, March 28, 2025
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'एक देश, एक चुनाव' पर संयुक्त संसदीय समिति का हुआ गठन, जानें किस पार्टी के कितने सदस्य इसमें शामिल

एक देश-एक चुनाव के मामले पर संसद ने 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन कर दिया है। बता दें कि इस समिति की अध्यक्षता भाजपा सांसद पीपी चौधरी करेंगे। इसमें राज्यसभा के 12 सदस्यों को शामिल किया गया है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Dec 20, 2024 22:28 IST, Updated : Dec 20, 2024 23:54 IST
Joint Parliamentary Committee formed on One Country One Election know how many members of which part
Image Source : PTI प्रतीकात्मक तस्वीर

'एक देश, एक चुनाव' को लेकर प्रावधान और विधेयक पर विचार के लिए शुक्रवार को संसद ने 39 सदस्यीय संयुक्त समिति का गठन कर दिया है। इस समिति की अध्यक्षता की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा सांसद पीपी चौधरी को दी गई है। बता दें कि राज्यसभा में इस समिति के 12 सदस्यों को नामित करने के प्रस्ताव को ध्वनि मत से मंजूरी दिए जाने के साथ ही 39 सदस्यीय समिति के गठन का रास्ता साफ हो गया। इससे पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने निचलने सदन में लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने के प्रावधान वाले विधेयक को संसद की संयुक्त समिति के विचार के लिए भेजे जाने का प्रस्ताव रखा था, जिसे ध्वनिमत से मंजूरी दे दी गई है।

किस पार्टी के कितने सदस्य समिति में शामिल

बता दें कि इस संयुक्त समिति में लोकसभा से 27 सदस्यों को नामित किया गया है। समिति के 39 सदस्यों में से भाजपा के 16, कांग्रेस के 5, सपा, टीएमसी और द्रमुक के 2-2 सासंद हैं, जबकि शिवसेना, तेदेपा, जदयू, रालोद, लोजपा (रामविलास), जनसेना पार्टी, शिवसेना-यूबीटी, राकांपा-(सपा), माकपा, आप, बीजद और वाईएसआरसीपी के 1-1 सदस्य शामिल हैं। समिति में राजग के कुल 22 सदस्हैं जबकि विपक्षी गठबंधन के 10 सदस्य हैं। बता दें कि बीजद और वाईएसआरसीपी सत्तारूढ़ या विपक्षी गठबंधन के सदस्य नहीं है। बीजद ने एक साथ चुनाव कराने के मुद्दे पर अभी अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है, लेकिन वाईएसआरसीपी ने इस कदम का समर्थन किया है।

समिति में राज्यसभा के ये सदस्य शामिल

बता दें कि एक साथ चुनाव कराने को लेकर बनाई गई इस समिति को आगामी बजट सत्र के अंतिम सप्ताह के पहले दिन तक रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा गया है। इन विधेयकों को गत 17 दिसंबर को लोकसभा में पेश किया गया था। उच्च सदन में से इस समिति में भाजपा के घनश्याम तिवाड़ी, भुनेश्वर कालिता, के लक्ष्मण, कविता पाटीदार, जनता दल यूनाइटेड के संजय झा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला और मुकुल वासनिक, टीएमसी के साकेत गोखले, द्रविड़ मुनेत्र कषगम के पी विल्सन, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, बीजू जनता दल के मानस रंजन मंगराज और वाईएसआर कांग्रेस के वी विजय साई रेड्डी को शामिल किया गया है। 

समिति में लोकसभा के 27 सदस्य

इस समिति में लोकसभा से जिन 27 सदस्यों को शामिल किया गया, उनमें भारतीय जनता पार्टी से पीपी चौधरी, सीएम रमेश, बांसुरी स्वराज, पुरुषोत्तम रुपाला, अनुराग ठाकुर, विष्णु दयाल शर्मा, भर्तृहरि महताब, संबित पात्रा, अनिल बलूनी, विष्णु दत्त शर्मा, बैजयंत पांडा और संजय जायसवाल शामिल हैं। कांग्रेस से प्रियंका गांधी वाद्रा, मनीष तिवारी और सुखदेव भगत को इस समिति का हिस्सा बनाया गया है। समाजवादी पार्टी से धर्मेंद्र यादव और छोटेलाल, तृणमूल कांग्रेस से कल्याण बनर्जी, द्रमुक से टी एम सेल्वागणपति, तेलुगु देशम पार्टी से हरीश बालयोगी, शिवसेना (उबाठा) से अनिल देसाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) से सुप्रिया सुले, शिवसेना से श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) से शांभवी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के के.राधाकृष्णन, राष्ट्रीय लोक दल के चंदन चौहान और जन सेना पार्टी के बालाशौरी वल्लभनेनी को इस समिति में शामिल किया गया है।

(इनपुट-भाषा)

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