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पारसनाथ पहाड़ी के मामले में आदिवासी संगठन ने रेल ट्रैक किया जाम, दर्जन भर ट्रेनें रद्द

आदिवासी सेंगल अभियान के नेताओं का दावा है कि इस आंदोलन को एक साथ 5 राज्यों में चलाया जा रहा है। अभियान के कार्यकर्ताओं ने चक्रधरपुर रेल मंडल के चांडिल, डेरोवा, खेमासूली, कांटाडीह व बहलदा स्टेशन के पास कई स्थानों पर रेलवे लाइनों को ब्लॉक किया गया है।

Written By: Avinash Rai
Published on: February 11, 2023 16:52 IST
Jharkhand tribal organization blocked the rail track In the case of Parasnath hill- India TV Hindi
Image Source : PTI प्रतीकात्मक तस्वीर

झारखंड की पारसनाथ पहाड़ी (मरांग बुरु) का अधिकार अदिवासियों को देने की 5 मांगों को लेकर आदिवासी सेंगल अभियान नामक संगठन के कार्यकर्ताओं ने शनिवार को झारखंड में कई जगह रेलवे ट्रैक्स को जाम किया। बता दें कि इस आंदोलन के कारण यहां कई ट्रेने की टाइमिंग बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। एक दर्जन से अधिक ट्रेनें कैंसल कर दी गई हैं। वहीं आधा दर्जन से अधिक ट्रेनों के रूट को डायवर्ट कर दिया गया है। झारखंड में इस आंदोलन का सबसे अधिक असर चक्रधरपुर रेल मंडल में पड़ा है। 

कई ट्रेनें रद्द

आदिवासी सेंगल अभियान के नेताओं का दावा है कि इस आंदोलन को एक साथ 5 राज्यों में चलाया जा रहा है। अभियान के कार्यकर्ताओं ने चक्रधरपुर रेल मंडल के चांडिल, डेरोवा, खेमासूली, कांटाडीह व बहलदा स्टेशन के पास कई स्थानों पर रेलवे लाइनों को ब्लॉक किया गया है। इसके कारण हावड़ा मुंबई मुख्य मार्ग पर लगभग तीन घंटे तक ट्रेनों का संचालन पूरी तरह ठप हो गया। खड़गपुर-टाटा, खड़गपुर-हावड़ा, टाटा-दानापुर, टाटा-आसनसोल, चक्रधरपुर-गोमो समेत अन्य कई स्टेशों पर चलने वाली एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को कैंसल कर दिया गया है। टाटानगर से रांची के बीच पैसेंजर ट्रेन और हावड़ा इंटरसिटी ट्रेन बदले हुए रूट से चलाया गया।

रेलवे ट्रैक जाम

दानापुर जाने वाले के यात्रियों को बिलासपुर पटना साप्ताहिक ट्रेन से भेजा गया। हावड़ा पुणे दुरंतो और इस्पात एक्सप्रेस के यात्रियों को टाटा इतवारी एक्सप्रेस से भेजा गया था ताकि राउरकेला जाकर लोग दुरंतो एक्सप्रेस पर सवार हो सकें। ट्रेनें रद्द होने और रूट बदले जाने की सूचना पर यात्रियों ने कई स्टेशनों पर हंगामा किया है। सुरक्षा बल और लोकल पुलिस ने आंदोलनकारियों को समझाकर रेलवे लाइन से समर्थकों को हटाया। रेलवे ट्रैक जाम होने की सूचना का बाद यात्रियों की सहायता के लिए स्टेशनों पर हेल्प डेस्क खोला गया था ताकि यात्रियों को ट्रेन परिचालन की पूरी जानकारी मिल सके। रेल चक्का जाम के कारण रेलवे को काफी नुकसान हुआ है।

आदिवासी सेंगेल अभियान कोल्हान प्रमंडल की अध्यक्ष प्रेमशीला मुर्मू ने कहा कि भारत के प्रकृति पूजक आदिवासी अलग सरना धर्म कोड की मांग को लेकर आंदोलित हैं। इसके अलावा पारसनाथ पहाड़ी पर मरांगबुरू को जैनियों ने अपने कब्जे में कर रखा है। सरकार मरांगबुरु (आदिवासियों के देवता) को अविलंब जैनियों से मुक्त कराए, वरना आदिवासी बाबरी मस्जिद की तर्ज पर जैन मंदिर को ध्वस्त करने की कार्रवाई करेंगे।

केंद्र-राज्य सरकार तक पहुंचाई जाएगी मांग

उधर, गिरिडीह के पारसनाथ रेलवे स्टेशन पर भी आदिवासी आंदोलनकारियों ने कुछ देर के लिए चक्का जाम कर दिया। आदिवासी नेताओं का हुजूम रेलवे ट्रैक पर ही बैठ गया। एसडीपीओ मनोज कुमार, नौशाद आलम समेत सीआरपीएफ के अधिकारियों ने आंदोलनकारियों वार्ता की और कहा कि उनकी जो मांगें हैं, उन्हें केंद्र और राज्य सरकार को पहुंचाया जाएगा। जिस वक्त आंदोलनकारी नेताओं और समर्थकों का हुजूम पारसनाथ स्टेशन में रेलवे ट्रैक जाम करने उतरा, उसी वक्त कई एक्सप्रेस, सुपरफास्ट और पैसेंजर ट्रेनों के स्टेशन से गुजरने का वक्त था।

इसकी जानकारी होने से डुमरी पुलिस और जीआरपी अधिकारियों के होश उड़ गए। इस दौरान आंदोलनकारियों को समझाते हुए किसी तरह से पूरे ट्रैक को खाली कराया गया। आंदोलन का नेतृत्व कर रहे आदिवासी नेता आनंद टुडू ने कहा कि देश के 5 राज्यों में आदिवासी समुदाय ने शनिवार को ट्रेन और सड़क यातायात रोका है।

(इनपुट-आईएएनएस)

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