Thursday, November 21, 2024
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Karnataka High Court: एक और सांसद की सांसदी गई! देवगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के चुनाव को कर्नाटक हाई कोर्ट ने अमान्य घोषित किया

हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को चुनावी कदाचार के लिए सांसद प्रज्वल के पिता एच. डी. रेवन्ना (विधायक और पूर्व मंत्री) और भाई सूरज रेवन्ना (विधान परिषद सदस्य) के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया।

Edited By: Vineet Kumar Singh @JournoVineet
Updated on: September 01, 2023 19:41 IST
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Image Source : FILE जनता दल (सेक्युलर) के सांसद प्रज्वल रेवन्ना।

बेंगलुरु: कर्नाटक हाई कोर्ट ने हासन से जनता दल (सेक्युलर) के सांसद एवं पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना का चुनाव शुक्रवार को अमान्य घोषित कर दिया है। जस्टिस के. नटराजन ने अपने फैसले में निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता जी. देवराज गौड़ा और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तत्कालीन (2019 लोकसभा चुनाव) हारे हुए उम्मीदवार ए. मंजू द्वारा दायर 2 याचिकाओं को आंशिक रूप से अनुमति देते हुए निर्वाचन आयोग को चुनावों के दौरान गलत हलफनामा देने के लिए रेवन्ना के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में कई ऐसे मामले आए हैं जब विधायकों और सांसदों को कोर्ट के आदेश के बाद अपने पद से हाथ धोना पड़ा है।

अभी जेडी (एस) से विधायक हैं मंजू

रेवन्ना जेडी (एस) के संरक्षक और पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा के पोते हैं, और 2019 में कर्नाटक में लोकसभा चुनाव जीतने वाले पार्टी के एकमात्र उम्मीदवार हैं। मंजू ने बीजेपी के टिकट पर रेवन्ना के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था और वह हार गए थे। बाद में वह जनता दल (सेक्युलर) में शामिल हो गए थे और मौजूदा वक्त में विधायक हैं। याचिकाओं में दावा किया गया था कि रेवन्ना चुनावी कदाचार में शामिल थे और उन्होंने निर्वाचन आयोग के समक्ष अपनी संपत्ति की घोषणा नहीं की थी। जस्टिस के. नटराजन ने शुक्रवार को अदालत में अपने फैसले का मुख्य अंश लिखवाया।

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Image Source : FILE
प्राज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच. डी. देवेगौड़ा के पोते हैं।

मंजू इसलिए नहीं बने विजयी उम्मीदवार
जज ने दोनों याचिकाओं को आंशिक रूप से अनुमति प्रदान करते हुए 2019 में हुए रेवन्ना के चुनाव को अमान्य घोषित किया। हालांकि, हाई कोर्ट ने मंजू को विजयी उम्मीदवार घोषित करने की याचिकाकर्ताओं के अनुरोध को खारिज कर दिया, क्योंकि वह खुद ‘भ्रष्ट आचरण में संलिप्त थे।’ हाई कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को चुनावी कदाचार के लिए प्रज्वल के पिता एच. डी. रेवन्ना (विधायक और पूर्व मंत्री) और भाई सूरज रेवन्ना (विधान परिषद सदस्य) के खिलाफ कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया। याचिकाओं में कदाचार के साथ-साथ प्रज्वल द्वारा संपत्ति की घोषणा न करने के कई उदाहरण दिए गए थे।

प्रज्वल पर लगाए गए थे ये बड़े आरोप
याचिकाओं में दावा किया गया था कि चेन्नम्बिका कन्वेंशनल हॉल की कीमत कम से कम 5 करोड़ रुपये थी, लेकिन प्रज्वल ने इसकी कीमत केवल 14 लाख रुपये बताई थी। इसी तरह, एक बैंक खाते में 5 लाख रुपये होना घोषित किया गया था, लेकिन कथित तौर पर उसमें 48 लाख रुपये जमा थे। घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रज्वल के पिता एच. डी. रेवन्ना ने कहा कि उन्हें अभी तक अदालत के फैसले का विवरण नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि अदालतों का सम्मान करना और कानून का पालन करना हर किसी का कर्तव्य है।

‘मुझे कोर्ट के आदेश के बारे में नहीं पता’
रेवन्ना ने कहा, ‘मुझे इसके (कोर्ट के आदेश के) बारे में नहीं पता। मुझे इसके बारे में आपसे (मीडिया से) पता चला है। हर किसी को कानून का सम्मान करना होगा। मैंने फैसले की प्रति नहीं देखी है।’ बता दें कि जनता दल (सेक्युलर) ने हाल में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया था क्योंकि माना जा रहा था कि पार्टी संकट के दौर से गुजर रही है। माना जा रहा है कि अदालत का यह फैसला पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है और इससे उबरने में उसे वक्त लग सकता है। (भाषा)

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