देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू पर निशाना साधते हुये केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को कहा कि कश्मीर मामले को बहुपक्षीय मंच पर ले जाना नेहरू की ऐतिहासिक भूल थी । हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि, ‘‘कश्मीर मसले को अंतरराष्ट्रीय अथवा बहुपक्षीय मंच पर क्यों ले जाया गया? मेरी जानकारी के अनुसार उस वक्त महाराजा हरि सिंह विलय पत्र पर हस्ताक्षर करके प्रसन्न थे और इतिहास विषय के छात्र के तौर पर मैने यही पढ़ा है ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दिल्ली में राजनीतिक नेतृत्व कह रहा था कि वे इसे विलय अधिक व्यापक रूप में चाहते थे और और इसलिए जनमत संग्रह के पक्ष में थे। इसलिए वे इसे बहुपक्षीय मंच पर ले जाना चाहते थे। इससे बड़ी नादानी और कुछ नहीं हो सकती। मैं नादानी शब्द का प्रयोग बेहद सामान्य ढंग से कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह एक गलती थी, अथवा फैसला था। आप इसे व्यक्ति द्वारा की गयी गलती कह सकते हैं लेकिन आप इसे उचित नहीं ठहरा सकते हैं।’’
'नेहरु की गलती की वजह से पाकिस्तान कश्मीर में गड़बड़ी फैला रहा'
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक तथ्य आपके सामने है कि बहुपक्षीय मंच पर जाना अथवा जनमत संग्रह के लिये कहना नादानी नहीं बल्कि यह एक भयंकर भूल थी। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री ने कहा कि यह नेहरू की गलती थी जिसके कारण पाकिस्तान जम्मू कश्मीर में गड़बड़ी फैला रहा है। उन्होने कहा, ‘‘क्योंकि आपने गलती की, इसलिये दूसरे लोग इसका फायदा उठा रहे हैं । एक देश आतंकवाद को नीति की तरह इस्तेमाल कर रहा है। मैने 20 साल पहले ऐसा कहा था। मैंने कहा था कि यह सीमा पार से पैदा की गई समस्या है, लेकिन वे यह समस्या पैदा कर सकते हैं क्योंकि हमारी तरफ से किसी ने उन्हें ऐसा करने का मौका दिया है ।’’