J&K News: जम्मू-कश्मीर की संशोधित मतदाता सूची में ‘‘गैर-स्थानीय मतदाताओं को शामिल करने’’ के मुद्दे पर नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा सोमवार को बुलाई गई ''सर्वदलीय बैठक'' जारी है। सज्जाद लोन नीत पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और अल्ताफ बुखारी के नेतृत्व वाली ‘अपनी पार्टी’ के नेताओं ने इस पार्टी में हिस्सा नहीं लिया। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस द्वारा बुलायी गई सर्वदलीय बैठक के खिलाफ ‘जवाबी रणनीति’ तय करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी आज एक बैठक बुलाई है।
उच्च सुरक्षा वाले गुपकर इलाके में नेकां अध्यक्ष फारुख अब्दुल्ला के आवास पर बैठक आज सुबह शुरू हुई और इसमें नेकां नेताओं के अलावा पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष विकार रसूल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता एम.वाई. तारिगामी और शिवसेना के नेताओं ने हिस्सा लिया। प्रशासन ने हालांकि शनिवार को एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा था कि मतदाता सूची में संक्षिप्त संशोधन के बाद 25 लाख से अधिक मतदाताओं के शामिल होने की खबरों में ‘निहित स्वार्थों के चलते तथ्यों को तोड़-मरोड़कर’ पेश किया गया है।
'बाहरी लोगों को वोट करने की अनुमति नहीं'
नेकां और पीडीपी जैसे दलों ने दावा किया कि प्रशासन ने उनकी इस मुख्य चिंता का समाधान नहीं किया है कि क्या जम्मू-कश्मीर में सामान्यतया रहने वाले ‘‘बाहरी’’ लोगों को मतदाता के रूप में अपना पंजीकरण कराने की अनुमति दी जाएगी या नहीं। स्पष्टीकरण से संतुष्ट ना होने के कारण उन्होंने सर्वदलीय बैठक करने का फैसला किया। वहीं, लोन ने पत्रकारों से कहा कि बैठक केवल चर्चा में बने रहने की कवायद लग रही है और वह इसका हिस्सा नहीं बनना चाहेंगे।
लोन ने कहा, ‘‘ एक महिला (महबूबा मुफ्ती) ने कहा कि सर्वदलीय बैठक बुलाएं और दूसरे ने इसके लिए फोन किए। मुझे यह भी बताएं कि हम कितना दिखावा कर सकते हैं? हम चौबीसों घंटे एक-दूसरे की राजनीतिक रूप से आलोचना करते रहते हैं। मैंने कल ही उनकी आलोचना की और उससे एक दिन पहले उन्होंने मेरी आलोचना की थी। हम सब कुछ सही होने का दिखावा कब तक कर सकते हैं ?’’ उन्होंने कहा, ‘‘ महबूबा जी अपनी खोई जगह वापस पाने को बेताब हैं, सर्वदलीय बैठक बुलाने के लिए फरमान जारी करती हैं।
महाराजा हरि सिंह का युग बीते काफी समय हो गया है।’’ लोन ने हालांकि कहा कि अगर बैठक से कुछ भी ठोस निकलता है, तो उनकी पार्टी गैर-स्थानीय मतदाताओं के मुद्दे से निपटने के लिए बैठक में भाग लेने वालों का पूरे दिल से समर्थन करेगी। मुख्यधारा के राजनीतिक दलों ने आरोप लगाया है कि ‘‘गैर-स्थानीय लोगों को शामिल करना जम्मू-कश्मीर के लोगों को मताधिकार से वंचित करने की एक स्पष्ट चाल है।"