तेलंगाना में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। भारतीय जनता पार्टी यहां अपनी जड़ें मजबूत करने करने के लिए जी-जान से लगी हुई है। चुनावों में बीजेपी यहां अपनी मजबूत एंट्री करने का ख्वाब पाले हुए है। जिसके लिए राज्य के नेता समेत केन्द्रीय आलाकमान भी एग्रेसिव मोड में है। यहां इस समय भारत राष्ट्र समिति की सरकार और बीजेपी की पूरा प्रेस है कि वह राज्य में उसकी जड़ें कमजोर कर दे।
'बीआरएस के 25 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में'
चुनाव में अभी वक्त है लेकिन उससे पहले राज्य के बीजेपी अध्यक्ष बंदी संजय के एक बयान ने राज्य में हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने दावा किया है कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के 25 विधायक उनकी पार्टी के संपर्क में हैं। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर विधायक बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा। संजय, बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव के उस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें रामाराव ने कहा था कि हैदराबाद में भाजपा नगरसेवक बीआरएस के संपर्क में हैं।
'राज्य सरकार भाजपा को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रही'
संजय ने कहा कि भाजपा राज्य सरकार की विफलताओं पर सवाल उठा रही है और राज्य सरकार भाजपा को नुकसान पहुंचाने की साजिश कर रही है। उन्होंने भविष्यवाणी की कि इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों में, बीआरएस उम्मीदवारों को 30 विधानसभा क्षेत्रों में जमानत जब्त हो जाएगा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव कांग्रेस को पैसा दे रहे हैं।
'कांग्रेस पर भरोसा नहीं किया जा सकता'
बंदी संजय ने कहा कि केंद्र सरकार ने तेलंगाना में सड़कों के लिए 10,000 करोड़ रुपये खर्च किए, 2.5 लाख घरों को मंजूरी दी, और रेलवे के लिए 32,000 करोड़ रुपये आवंटित किए। उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस के नेता कमीशन और जमीन हड़पने के लिए पार्टी निर्वाचन क्षेत्र कार्यालयों का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, हम जनता की समस्याओं को हल करने और लोगों की ओर से लड़ने के लिए भाजपा कार्यालयों का उपयोग कर रहे हैं।
इनपुट - आईएएनएस