तिरुवनंतपुरम: इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी यानी कि CPM पर तीखा हमला करते हुए गंभीर आरोप लगाया है। मुस्लिम लीग ने CPM पर बरसते हुए कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान उसके ‘मुस्लिम विरोधी अभियान’ से बीजेपी को त्रिशूर सीट जीतकर राज्य में खाता खोलने में मदद मिली। विपक्षी कांग्रेस नीत संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (UDF) में प्रमुख सहयोगी IUML ने मार्क्सवादी पार्टी के इस अभियान को महज ‘मजाक’ करार दिया कि यदि लेफ्ट नहीं रहा, तो मुसलमान देश में द्वितीय श्रेणी के नागरिक बन जाएंगे।
‘बीजेपी वही काटती है, जो लेफ्ट पार्टी बोती है’
IUML प्रमुख सादिक अली शिहाब थंगल ने शनिवार को पार्टी के मुखपत्र ‘चंद्रिका’ में छपे एक इंटरव्यू में दावा किया कि CPM अक्सर अपने प्रचार के लिए ‘दोधारी रणनीति’ चुनती है और ‘बीजेपी वही काटती है, जो लेफ्ट पार्टी बोती है।’ उन्होंने लेफ्ट पार्टी सहित सभी से आग्रह किया कि वे बीजेपी की जीत और त्रिशूर में उसके बढ़ते मत प्रतिशत के कारणों का आत्मनिरीक्षण करें। उन्होंने कहा,‘इसके कई कारण हैं। एक तो स्पष्ट है। सीपीएम द्वारा चलाए गए मुस्लिम रोधी अभियानों ने भी बीजेपी की मदद की। सीपीएम जो बोती है, बीजेपी उसे काटती है।’
‘तमिलनाडु के रामनाथपुरम में भी जीता IUML’
थंगल ने कहा कि जब भारतीय जनता पार्टी ने त्रिशूर निर्वाचन क्षेत्र जीता, तब भी कांग्रेस-UDF उम्मीदवार को गुरुवायूर विधानसभा क्षेत्र में बहुमत मिला, जहां IUML की मजबूत उपस्थिति है। उन्होंने कहा कि 26 अप्रैल को हुए लोकसभा चुनाव में मुस्लिम लीग के उम्मीदवार ने तमिलनाडु के रामनाथपुरम में डेढ़ लाख से अधिक मतों से जीत हासिल की, जहां कुल मुस्लिम आबादी सिर्फ 18 प्रतिशत है। मुस्लिम लीग ने लोकसभा चुनाव में केरल में दो सीट मलप्पुरम और पोन्नानी, और तमिलनाडु में रामनाथपुरम जीती थीं। इस तरह पार्टी ने लोकसभा चुनावों में कुल 3 सीटों पर जीत हासिल की। (भाषा)