Wednesday, March 26, 2025
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‘विश्व गुरु तो भारत ही होगा’, AI को लेकर राघव चड्ढा के बयान पर मुस्कुराते हुए बोले धनखड़

राज्यसभा में राघव चड्ढा ने AI के क्षेत्र में भारत की धीमी प्रगति पर चिंता जताई और 'मेक AI इन इंडिया' का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि भारत के पास प्रतिभा और डिजिटल शक्ति है, लेकिन AI उत्पादक बनने में देरी हो रही है।

Edited By: Vineet Kumar Singh @VickyOnX
Published : Mar 25, 2025 13:41 IST, Updated : Mar 25, 2025 13:41 IST
Jagdeep Dhankhar, Raghav Chadha, AI, Artificial Intelligence
Image Source : PTI FILE राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ एवं AAP सांसद राघव चड्ढा।

नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को सदन में विश्वास जताया कि ‘विश्व गुरु’ तो भारत ही होगा। शून्यकाल के दौरान राज्य सभा में आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने ‘आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस’ का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि भारत की बड़ी आबादी AI के वर्कफोर्स का हिस्सा है फिर भी इस क्षेत्र में भारत को जितनी प्रगति करनी चाहिए थी, वह नहीं कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में विश्व गुरु वह होगा जिसके पास AI की ताकत होगी इसलिए भारत को ‘मेक इन इंडिया’ के साथ साथ ‘मेक AI इन इंडिया’ के मंत्र के साथ आगे बढ़ना होगा। इस पर सभापति धनखड़ ने मुस्कुराते हुए कहा ‘विश्व गुरु तो भारत ही होगा।’

‘भारत का जनरेटिव AI मॉडल कहां है?’

AAP नेता राघव चड्ढा ने कहा कि आज का दौर AI की क्रांति का युग है और अमेरिका के पास अपने ChatGPT, जेमिनी, एन्थ्रॉपिक ग्रॉक जैसे मॉडल हैं वहीं चीन ने DeepSeek जैसा सबसे ज्यादा क्षमता वाला तथा सबसे कम लागत से बना AI मॉडल तैयार कर लिया है। उन्होंने कहा कि अमेरिका एवं चीन के पास अपने अपने स्वदेशी मॉडल हैं लेकिन भारत कहां है, उसका अपना जनरेटिव AI मॉडल कहां है? चड्ढा ने कहा कि वर्ष 2010 से 2022 तक दुनिया में जितने पेटेंट रजिस्टर्ड हुए उनका 60 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका ने और 20 फीसदी हिस्सा चीन ने हासिल किया वहीं भारत ने मात्र 0.5 प्रतिशत ही हासिल किया।

‘AI दक्षता में भारत की रैंक तीसरी है’

राघव चड्ढा ने राज्यसभा में कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे बड़ी पांचवी अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि अमेरिका और चीन ने पिछले 4-5 साल में AI पर खासी रिसर्च की और उसमें निवेश तथा प्रयोग किए। उन्होंने कहा कि कुल AI वर्फफोर्स का 15 फीसदी हिस्सा भारतीय हैं। उन्होंने कहा, ‘भारत के पास प्रतिभा है, मेहनती लोग हैं, ब्रेन पॉवर है, डिजिटल अर्थव्यवस्था है, हमारे यहां 90 करोड़ से अधिक इंटरनेट उपभोक्ता हैं फिर भी वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर AI के संदर्भ में नजर रहीं आता। वह AI उत्पादक बनने के बजाय AI उपभोक्ता बन गया है।’ AAP सदस्य ने कहा कि करीब 15 फीसदी साढ़े चार लाख भारतीय AI के क्षेत्र में भारत से बाहर काम कर रहे हैं और AI दक्षता में भारत की रैंक तीसरी है।’ (भाषा)

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