नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में स्थित आर. जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की वारदात के बाद से बवाल मचा हुआ है। एक तरफ जहां देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों ने इसे लेकर आंदोलन किया, तो दूसरी तरफ इस पर सियासत भी खूब हो रही है। पश्चिम बंगाल में हालात इस कदर खराब बताए जा रहे हैं कि कुछ लोग सूबे में राष्ट्रपति शासन तक लगाने की मांग कर रहे हैं। ऐसे में हमने जनता से भी इंडिया टीवी पोल में यही पूछा कि क्या बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए, और जनता ने भी इस सर्वे में जमकर हिस्सा लिया।
राष्ट्रपति शासन के नाम पर जनता ने क्या कहा?
हमने जनता से पूछा था कि ‘क्या पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए?’ और उनके सामने ‘हां’, ‘नहीं’ और ‘कह नहीं सकते’ के रूप में तीन विकल्प रखे। इस पोल पर कुल 18781 लोगों ने अपना मत दिया और उनमें से 87 फीसदी लोगों का मानना था कि सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए। पोल में हिस्सा लेने वाले सिर्फ 10 फीसदी लोगों ने ममता बनर्जी के शासन में अपना भरोसा जताया। बाकी के 3 फीसदी ने ‘कह नहीं सकते’ का विकल्प चुना। इस तरह देखा जाए तो एक बड़ी संख्या में लोगों का मानना है कि बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए।
पश्चिम बंगाल में थमने का नाम नहीं ले रहा बवाल
पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर की रेप और हत्या के बाद शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कई लोगों का मानना है कि पश्चिम बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार अपराधियों को बचाने में लगी है। वहीं, ममता सरकार का पक्ष है कि घटना के सामने आने के कुछ ही घंटों बाद मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया था और फिर जांच CBI को सौंप दी गई। बता दें कि देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अत्याचार पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी चिंता जाहिर की थी।