नई दिल्ली : विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस' (इंडिया) ने लोकसभा चुनाव को लेकर धीरे-धीरे अपनी कमर कसनी शुरू कर दी है। विपक्षी गठबंधन की प्रचार समिति ने चार शहरों में संयुक्त रैली का प्रस्ताव दिया है। प्रचार समिति के इस प्रस्ताव पर 'इंडिया' अलायंस की कोऑर्डिनेशन कमिटी अंतिम फैसला लेगी। जिन चार शहरों में रैली का प्रस्ताव दिया गया है उनमें भोपाल, गुवाहाटी, दिल्ली, नागपुर और पटना शामिल है।
13 सितंबर को शरद पवार के घर पर होगी बैठक
कल नई दिल्ली में इंडिया अलायंस की प्रचार समिति की बैठक में चार शहरों में संयुक्त रैली करने का फैसला लिया गया। इस प्रस्ताव को अब कोऑर्डिनेशन कमिटी के पास भेज दिया गया है। कोऑर्डिनेशन कमिटी की बैठक 13 सितंबर को एनसीपी प्रमुख शरद पवार के नई दिल्ली स्थित आवास पर होगी। इस बैठक में प्रचार समिति के प्रस्ताव पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।
कल मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर हुई बैठक
इससे पहले कल कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर इंडिया के घटक दलों के नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में जहां संसद के विशेष सत्र से जुड़ी रणनीति पर चर्चा की गई। केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि अडाणी समूह से जुड़े मामले और कुछ अन्य प्रमुख मुद्दों को इस सत्र के दौरान उठाएंगे। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर यह आग्रह करेंगी कि महिला आरक्षण विधेयक को आगामी सत्र में पारित किया जाए। यह विधेयक राज्यसभा से पारित है। विपक्षी दलों ने यह भी निर्णय लिया है कि उनकी अगली बैठक भोपाल में होगी और पहली जनसभा भी मध्य प्रदेश में होगी। मध्य प्रदेश में इस साल की आखिरी में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित है।
बैठक में खरगे और कई अन्य कांग्रेस नेताओं के अलावा द्रमुक नेता टीआर बालू, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओब्रायन, जनता दल (यूनाइटेड) के राजीव रंजन सिंह, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, समाजवादी पार्टी के एसटी हसन और कुछ अन्य दलों के नेता शामिल थे।
बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है सरकार
इस मीटिंग के बाद खरगे ने सोशल मीडिया साइट 'एक्स ' पर पोस्ट किया, " सरकार पहली बार बिना एजेंडा बताए संसद का विशेष सत्र बुला रही है। किसी भी विपक्षी दल से न तो सलाह ली गई और न ही जानकारी दी गई। यह लोकतंत्र चलाने का तरीका नहीं है। " उन्होंने दावा किया, "हर दिन मोदी सरकार मीडिया में एक संभावित 'एजेंडा' की कहानी पेश करती है, जिससे लोगों पर बोझ डालने वाले वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने का एक बहाना तैयार किया जाता है। भाजपा महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर, चीन, कैग रिपोर्ट, घोटाले और संस्थानों को कमजोर करना आदि जैसे प्रमुख मुद्दों को किनारे रखना चाहती है और हमारे लोगों को धोखा देना चाहती है।" कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि 'इंडिया' के घटक दलों ने विशेष सत्र के लिए आगे की राह पर चर्चा की। उनका कहना है, "हम लोगों के मुद्दे उठाने से पीछे नहीं हटेंगे, हमारा इरादा इन पर अपना ध्यान केंद्रित रखने का है। भारत जुड़ेगा, इंडिया जीतेगा!" (इनपुट-एजेंसी)