बीते मंगलवार को देश की राजधानी दिल्ली में I.N.D.I अलायंस की चौथी बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक के बाद से ही गठबंधन के लिए बुरे संकेत आते दिखाई दे रहे हैं। पहले तो जेडीयू के सांसद ने इस बैठक को चाय और बिस्किट तक सीमित बताया था। वहीं, अब खबर आ रही है कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव मैदान में उतरना चाहती है। इस खबर के बाद से I.N.D.I अलायंस में दरार की आशंका और ज्यादा बढ़ गई है।
दिल्ली में गठबंधन को तैयार है AAP
पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि आम आदमी पार्टी दिल्ली की लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के साथ गठबंधन को इच्छुक है। सूत्रों की मानें तो AAP राजधानी की सात लोकसभा सीट में से तीन कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार है। विपक्षी खेमे का मानना है त्रिकोणीय मुकाबले के बजाय कांग्रेस और AAP साथ मिलकर दिल्ली में भाजपा को टक्कर दे सकती है। बता दें कि 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिल्ली की सभी 7 सीटें जीती थीं।
सीट शेयरिंग पर फैसला कब तक?
पीटीआई के मानें तो बीते मंगलवार को हुई I.N.D.I अलायंस की चौथी बैठक में 28 विपक्षी दलों के नेताओं ने जनवरी महीने के मध्य तक लोकसभा चुनाव के लिए सीट-बंटवारे के फॉर्मूले को अंतिम रूप देने पर सहमति जताई है। हालांकि, पंजाब में आम आदमी पार्टी के अकेले लड़ने की इच्छा से इसमें पेंच भी फंस सकता है। बता दें कि साल 2022 में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव में AAP ने 117 में से 92 सीटें जीती थीं। वहीं, कांग्रेस केवल 18 सीट जीतने में कामयाब रही थी।
कांग्रेस ने भी दिए हैं अकेले लड़ने के संकेत
पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस की ओर से भी संकेत आ चुके हैं। कुछ ही दिनों पहले कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा था कि पार्टी आलाकमान ने प्रदेश इकाई को राज्य की सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने को कहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें किसी भी अन्य दल के साथ गठजोड़ कर के 2024 का चुनाव लड़ने के लिए पार्टी आलाकमान की ओर से कोई संकेत नहीं मिला है। (इनपुट: भाषा)
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