लोकसभा चुनाव के दौरान इनकम टैक्स की ओर से भेजे गए नोटिस के मामले में परेशान कांग्रेस पार्टी को बड़ी राहत मिली है। आयकर विभाग ने सुप्रीम कोर्ट में बयान दिया है कि वह लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी से 1700 करोड़ रुपये की वसूली के लिए कोई कठोर कदम नहीं उठाएगा। जानकारी के मुताबिक, आयकर विभाग का कहना है कि वह चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी नहीं करना चाहता। विभाग के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी को राहत मिलने की उम्मीद है।
अभी कोई कठोर कदम नहीं उठाएंगे- इनकम टैक्स
सुप्रीम कोर्ट ने आयकर विभाग का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों को रिकॉर्ड में लिया कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने एसजी मेहता का बयान दर्ज किया कि अगली तारीख तक 3500 करोड़ रुपये की मांग के संबंध में कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा। मुख्य अपीलें जुलाई में योग्यता के आधार पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध की जाएंगी।
जून में सुनवाई का आग्रह
आयकर विभाग ने अदालत से कांग्रेस से कर वसूली के इस मामले को जून में सुनवाई के लिए पोस्ट करने का आग्रह किया है। आयकर विभाग का कहना है कि वह चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी के लिए परेशानी खड़ी नहीं करना चाहता। विभाग के इस बयान के बाद कांग्रेस पार्टी को राहत मिलने की उम्मीद है।
3,567 करोड़ रुपये के कर की मांग
पीटीआई के मुताबिक, लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को आयकर विभाग से एक बार फिर नया नोटिस मिला था जिसके जरिये आकलन वर्ष 2014-15 से 2016-17 तक के लिए 1,745 करोड़ रुपये के कर की मांग की गई थी। सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी। आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस से अब तक कुल कुल 3,567 करोड़ रुपये के टैक्स की मांग की जा चुकी है। कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि अधिकारियों ने पिछले वर्षों से संबंधित कर मांग के लिए पार्टी के खातों से 135 करोड़ रुपये पहले ही निकाल लिये हैं।
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