Highlights
- कैप्टन अमरिंदर का अवैध रेत खनन मामले को लेकर बड़ा दावा
- कई वरिष्ठ मंत्री और चन्नी थे शामिल
- मी टू मामले को लेकर भी कैप्टन करने वाले थे कार्रवाई लेकिन हुआ कुछ ऐसा
अमृतसर: पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 से पहले एक बार फिर से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस बार कैप्टन ने राज्य में जारी कथित तौर पर अवैध रेत खनन मामले को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर सवाल उठाए हैं। कैप्टन अमरिंदर ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि जब वो राज्य के सीएम थे तब सोनिया गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी, पार्टी के वरिष्ठ मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कोई संकेत नहीं दिया था।
दरअसल, समाचार एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक टेलीविजन चैनल को दिए साक्षात्कार में बताया है कि जब वो पंजाब का मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताया था कि इस मामले में ऊपर से नीचे तक वरिष्ठ मंत्रियों से लेकर कई लोग शामिल हैं।
कैप्टन अमरिंदर के मुताबिक जब उनसे सोनिया गांधी ने पूछा था कि वो इस मामले में क्या कार्रवाई कर रहे हैं तब कैप्टन ने कहा था कि उन्हें ऊपर से शुरूआत करनी होगी। कैप्टन ने कहा, "अपने पूरे कार्यकाल के दौरान मैंने एक ही गलती की थी कि मैंने कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी की भावना के चलते कभी कोई कार्रवाई नहीं की, क्योंकि मुझे सोनिया गांधी की तरफ से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का कोई संकेत नहीं मिला था।"
दरअसल, शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि जब वो राज्य के मुख्यमंत्री थे तो राज्य के कई कांग्रेसी नेताओं और विधायकों की रेत खनन माफिया के साथ सांठगांठ होने की विशेष जानकारी उन्हें दी गई थी। वहीं, चन्नी पर एक आरोप लगाते हुए कैप्टन ने कहा कि वो 'मी टू' का भी हिस्सा रह चुके हैं।
अमरिंदर सिंह ने एक महिला अधिकारी के बारे में चन्नी के 'मी टू' मामले का जिक्र करते हुए कहा कि उस महिला ने केस को आगे नहीं बढ़ाया था क्योंकि उसने उस समय चन्नी के माफीनामे को स्वीकार कर लिया था। उन्होंने कहा, अगर वह मामले को आगे बढ़ाना चाहतीं, तो मैं चन्नी के खिलाफ जरूर कोई कदम उठाता।
गौरतलब है कि राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच राज्य में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मामले में कार्रवाई करने के मूड में लगातार नजर आ रही है। पिछले दिनों गैरकानूनी तरीके से रेत का खनन करने में शामिल कम्पनियों और ‘रेत माफिया’ के खिलाफ धन शोधन की जांच के तहत पंजाब में कई स्थानों पर छापेमारी की। इस मामले में पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के एक रिश्तेदार के यहां भी छापेमारी हुई है।
इस पर बयान देते हुए सीएम चन्नी ने कहा, "पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रिश्तेदारों के यहां भी छापेमारी की गई थी और ईडी ‘‘उसी तरह’’ उन पर, उनके मंत्रियों पर और कांग्रेस पार्टी के सदस्यों पर ‘‘दबाव’’ बनाने की कोशिश कर रही है।
इन राजनीतिक उठापटक, और एजेंसी की कार्रवाई के बीच एक बात स्पष्ट है कि यदि अवैध रेत खनन का मामला चुनाव से ठीक पहले सुर्खियों में एक बार फिर से आता है और विपक्षी दल सरीखे कैप्टन अमरिंदर इसे भुनाने की कोशिश करते हैं, जैसा वो करते हुए दिखाई दे रहे हैं, तो इससे कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो सकता है। दरअसल, पंजाब की राजनीति में कैप्टन अमरिंदर के बगावत करने और उनके नई पार्टी बनाने, खिलाफ बगावती तेवर धारण करने से पहले ही कांग्रेस को बड़ा नुकसान हो चुका है जो राज्य चुनाव परिणाम में देखने को मिल सकता है। कैप्टन के बिना कांग्रेस की सत्ता में वापसी मुश्किल नजर आ रही है। क्योंकि, 2017 के विधानसभा चुनाव में कैप्टन अमरिंदर की बदौलत ही कांग्रेस को जीत मिली थी। लेकिन, कांग्रेस के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बगावती तेवर की वजह से बीते कुछ महीने पहले कैप्टन ने कांग्रेस का 'हाथ' छोड़ दिया था।
इनपुट- आईएएनएस