AAP National Party & Election Commission: गुजरात विधानसभा चुनावों में 5 सीट जीतने और करीब 13 फीसदी वोट पाने के बाद आम आदमी पार्टी राष्ट्रीय दल का दर्जा पाने की अधिकारी हो गई है। मगर उसके सभी 5 विधायक या उनमें से कुछ विधायक गुजरात में भाजपा सरकार के साथ जा सकते हैं। ऐसे में आशंका बनी हुई है कि क्या तब ऐसी स्थिति में आप के राष्ट्रीय पार्टी होने का दर्ज भी छिन जाएगा या फिर आप के विधायकों के दल बदलने के बावजूद उसका राष्ट्रीय दल होने का दर्जा बरकरार रहेगा?...इन आशंकाओं के बीच चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने आशंकाओं को लेकर अपना बयान दिया है। आइए आपको बताते हैं कि राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा होने के नियम-कानून क्या हैं?
गुजरात में आम आदमी पार्टी (आप) के कुछ विधायकों के पाला बदलने की अटकलों के बीच निर्वाचन आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने सोमवार को कहा कि इससे पार्टी की राष्ट्रीय दल का दर्जा हासिल करने की कोशिश को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने कहाकि राष्ट्रीय पार्टी का मामला चुनाव के बाद लोगों के (पार्टी) छोड़ने से प्रभावित नहीं होता। उन्होंने कहा कि अगर किसी दल के पास सरकार बनाने के लिए जरूरी संख्या बल नहीं है और वह अन्य दलों के विधायकों का समर्थन लेता है, तो इससे उसका चुनावी प्रदर्शन नहीं सुधरेगा। इसका कारण यह है कि पाला बदलने वाले विधायकों ने किसी और पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था। चुनावी कानून के विशेषज्ञ पूर्व अधिकारी ने कहा, “ चुनाव के बाद क्या होता है यह मायने नहीं रखता है।
चार राज्यों में हों इतने विधायक और वोट तो मिल जाता है राष्ट्रीय दर्जा
अरविंद केजरीवाल नीत पार्टी ने गुजरात की 182 में से 181 सीट पर चुनाव लड़ा था। उसे पांच सीट पर जीत मिली और करीब 13 फीसदी मत मिले। चुनाव चिह्न (आरक्षण एवं आवंटन) आदेश के प्रावधानों का हवाला देते हुए पूर्व अधिकारी ने कहा कि अगर किसी पार्टी के पास चार राज्यों में राज्य स्तरीय दल का दर्जा है, तो वह अपने आप राष्ट्र पार्टी बन जाएगी। ‘आप’ के पास दिल्ली, गोवा और पंजाब में राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा है। वह दिल्ली और पंजाब में सत्ता में है। पूर्व अधिकारी ने कहा, “ कई विकल्प हैं।
अगर एक पार्टी छह फीसदी वोट पाती है और विधानसभा में दो सीटें हासिल कर लेती है, तो उसे राज्य स्तरीय दल का दर्जा मिल जाता है। राज्य स्तरीय दल का दर्जा पाने का दूसरा तरीका यह है कि विधानसभा में तीन सीट जीत ले, भले ही मत प्रतिशत कितना भी हो।” गुजरात में प्रदर्शन की बदौलत ‘आप’ वहां पर राज्य स्तरीय दल का दर्जा पा लेगी। ऐसे में उसके राष्ट्रीय पार्टी बनने को लेकर कोई आशंका नहीं है। विधायकों के पाला बदलने से इस पर फर्क नहीं पड़ेगा।