हैदराबाद: तेलंगाना बीजेपी चीफ बंदी संजय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो निजाम की सांस्कृतिक निशानियों को मिटा दिया जाएगा। ‘प्रजा गोसा बीजेपी भरोसा’ कार्यक्रम के तहत लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि नए सचिवालय में जो गुंबद बना है, उसमें भी परिवर्तन करके उसे तेलंगाना और भारतीय संस्कृति के मुताबिक ढाला जाएगा। मंत्री केटी रामा राव के बयान पर कि अगर सड़कों के चौड़ीकरण में धार्मिक स्थल बाधा बनते हैं तो उन्हें तोड़ा जाएगा, संजय ने चुनौती दी कि पहले वह पुराने हैदराबाद में सड़कों पर मौजूद मस्जिदों को तोड़कर दिखाएं।
‘हिम्मत है तो मस्जिद तोड़कर दिखाएं’
बंदी संजय कुमार ने मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के बेटे केटी रामा राव पर जोरदार हमला बोला। सूबे के शहरी विकास मंत्री केटी रामा राव ने हाल ही में कहा था कि अगर सड़कों के चौड़ीकरण में धार्मिक स्थल बाधा बनते हैं तो उन्हें तोड़ दिया जाएगा। केटी के इस बयान के जवाब में बंदी संजय कुमार ने उन्हें चुनौती दी कि अगर हिम्मत है तो वह पुराने हैदराबाद शहर में सड़कों पर मौजूद मस्जिदों और दरगाहों को तोड़कर दिखाएं। बंदी संजय कुमार ने कहा कि सत्तारुढ़ भारत राष्ट्र समिति के नेता सिर्फ गरीबों की जमीन कब्जाने में लगे हुए हैं।
‘AIMIM और BRS मिलकर काम कर रहीं’
बंदी संजय कुमार ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम और के. चंद्रशेखर राव की भारत राष्ट्र समिति एक ही पार्टी के तौर पर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियां ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन को मिलकर चलाती हैं और विधानसभा में ड्रामा करती हैं। तेलंगाना बीजेपी चीफ ने कहा कि पूरे सूबे में भारतीय जनता पार्टी को लोगों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है और जगह-जगह सभाएं करके वे लोगों को केसीआर सरकार की नाकामियों और मोदी सरकार की कामयाबियों के बारे में बता रहे हैं।
‘सचिवालय भी ताजमहल की तरह बनवाया’
बंदी संजय ने कहा कि ओवैसी कहते हैं कि वह ये देखकर खुश हैं कि सचिवालय ताजमहल की तरह दिखता है। बंदी संजय ने कहा, ‘ताजमहल एक मकबरा है, इसका मतलब ओवैसी को सचिवालय एक मकबरा नजर आ रहा है। KCR ने ओवैसी की आंखों में खुशी देखने के लिए सचिवालय को ताजमहल की डिजाइन दी है। अगर बीजेपी सूबे की सत्ता में आई तो नए सचिवालय की छत को तोड़ दिया जाएगा। हम तेलंगाना से निजाम के जमाने की गुलामी की निशानियों को मिटाएंगे और सचिवालय में भारतीय और तेलंगाना की संस्कृति के मुताबिक परिवर्तन कर उसे फिर से बनाएंगे।’