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Congress President Election: राहुल गांधी नहीं तो कांग्रेस में कौन बनेगा अध्यक्ष, अशोक गहलोत और शशि थरूर में किसका चांस ज्यादा

Congress President Election: इस बार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बहुत ही असमंजस भरा हो गया है। राहुल गांधी अपनी जिद पर अडिग हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि कांग्रेस के एक धड़े की ओर से उन्हें मनाने की लगातार कोशिश की जाती रही। जोकि अभी भी जारी है।

Written By: Dharmendra Kumar Mishra @dharmendramedia
Updated on: September 20, 2022 17:53 IST
Congress President Election- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Congress President Election

Highlights

  • अध्यक्ष नहीं बनने के बाद भी राहुल गांधी ही रहेंगे पार्टी के बड़े नेता
  • सोनिया और राहुल गांधी के सबसे करीबी हैं अशोक गहलोत
  • शशि थरूर और अशोक गहलोत में राजनीतिक विश्लेष भी मान रहे गहलोत का पलड़ा भारी

Congress President Election: इस बार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव बहुत ही रोमांचक दौर में जा रहा है। हालांकि कांग्रेसी कार्यकर्ता इसे असमंजस भरा मान रहे हैं। राहुल गांधी अपनी जिद पर अडिग हैं कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। हालांकि कांग्रेस के एक धड़े की ओर से उन्हें मनाने की लगातार कोशिश की जाती रही। जोकि अभी भी जारी है। मगर अब कांग्रेस के नेता ही कहने लगे हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। जबकि कुछ नेता अभी भी उनसे उम्मीद लगाए बैठे हैं। ऐसे में क्या माना जाए कि राहुल गांधी के  "न" में ही उनके "हां" का राज भी छुपा है या फिर वाकई राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष नहीं बनना चाहते। क्या राहुल गांधी शशि थरूर का नाम सामने आने के बाद पीछे हट गए या फिर इसके पीछे कोई और वजह थी। आइए आपको रानजीतिक विश्लेषकों के जरिये समझाते हैं कि राहुल गांधी नहीं तो कांग्रेस का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन हो सकता है..?

राजनीतिक मामलों के विश्लेषक हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं कि जिस तरह से पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा ने परिवारवाद को मुद्दा बनाया है और यह कहकर कांग्रेस को मुश्किल में फंसा दिया है कि उसके पास गांधी परिवार के अलावा राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए कोई विकल्प नहीं है। इससे राहुल गांधी पर भारी नैतिक दबाव है। इसीलिए राहुल गांधी चाहते हैं कि कोई बाहरी व्यक्ति ही कांग्रेस का अध्यक्ष बने। राहुल गांधी इस बात पर अडिग हैं। हालांकि सोनिया गांधी राहुल को ही अध्यक्ष बनाना चाह रही थीं। इसीलिए पार्टी का एक धड़ा उनके इशारे पर राहुल गांधी को मनाने में जुटा था। मगर अब नहीं लगता कि राहुल गांधी चुनाव लड़ेंगे।

राहुल नहीं तो अगला अध्यक्ष कौन

अगर राहुल गांधी वाकई अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ते हैं तो फिर कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा। इस बारे में हर्षवर्धन त्रिपाठी कहते हैं कि कांग्रेस से अब दो नाम सामने आ रहे हैं। एक राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का और दूसरा केरल से कांग्रेस के लोकसभा सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर का। मगर इनमें अशोक गहलोत का पलड़ा भारी रहेगा। पूरी संभावना है कि गहलोत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाएं। क्योंकि वह राहुल और सोनिया गांधी के भी बेहद करीबी हैं और पार्टी लाइन पर चलने वाले व्यक्ति हैं। उनके पास सरकार और संगठन दोनों का अनुभव है। कांग्रेस के जमीनी नेता हैं। मोदी और शाह के प्रति उनका रुख हमेशा गांधी परिवार के रुख के अनुसार हमलावर रहा है। जबकि थरूर कई बार मोदी और शाह की तारीफ कर चुके हैं। थरूर देश-विदेश से पढ़े-लिखे और विदेशी मामलों के अच्छे जानकार हैं। मगर वह जमीनी नेता नहीं हैं। वह एलीट क्लास से आते हैं। इसलिए उनका राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना मुश्किल है। त्रिपाठी के अनुसार शशि थरूर सोनिया और राहुल गांधी के करीबी भी नहीं हैं। इसलिए उनका अध्यक्ष बनने का कोई चांस नहीं दिख रहा।

Shashi Tharoor Vs Ashok Gehlot

Image Source : INDIA TV
Shashi Tharoor Vs Ashok Gehlot

राहुल गांधी रहेंगे पार्टी के सर्वमान्य नेता
हर्षवर्धन त्रिपाठी के अनुसार कांग्रेस का अध्यक्ष भले ही गांधी परिवार से बाहर का व्यक्ति हो, लेकिन पार्टी की पूरी कमान एक तरह से अप्रत्यक्ष रूप से राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास ही रहने वाली है। सभी महत्वपूर्ण मामलों में राहुल गांधी का दखल रहेगा। वहीं राजनतीकि मामलों के एक अन्य जानकार सुरेंद्र त्रिपाठी कहते हैं कि ऐसा कई बार हुआ है कि पार्टी अध्यक्ष कोई और रहा है और नेता कोई और। उदाहरण के लिए जब सोनिया गांधी अध्यक्ष थीं तो मनमोहन सिंह पीएम थे। इसी तरह अध्यक्ष कोई भी रहे प्रधानमंत्री पद के दावेदार कांग्रेस से राहुल गांधी ही रहेंगे। क्योंकि पूरे देश के कांग्रेस कार्यकर्ता यूपीए की सरकार बनने पर राहुल को ही प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं। इसलिए नेतृत्व राहुल गांधी के पास ही रहेगा। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी पद लोलुप नहीं हैं। इसलिए वह अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ रहे। वह चाहते तो यूपीए-1 और यूपीए-2 में पीएम बन सकते थे।

राहुल गांधी का पॉलिटिकल करियर

  • राहुल गांधी ने पहली बार मार्च 2004 में राजनीति में कदम रखा और लोकसभा का चुनाव अमेठी से लड़ने की घोषणा की।
  • अमेठी उनके पिता राजीव गांधी, चाचा संजय गांधी और मां सोनिया गांधी की कर्मस्थली रही।
  • वर्ष 2004 से 2009 और 2014 में लगातार तीन बार यहां से सांसद चुने गए।
  • 2014 में भाजपा की स्मृति ईरानी उनके खिलाफ चुनाव लड़ी थीं, मगर हार गईं।
  • 2019 में अमेठी से स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को करीब 50 हजार मतों के अंतर से हरा दिया।
  • इससे पहले वर्ष 2007 में राहुल गांधी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव बनाए जा चुके थे।
  • जनवरी 2013 में उन्हें पहली बार पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया।
  • 16 दिसंबर 2017 को राहुल गांधी को कांग्रेस पार्टी का अध्यक्ष चुना गया।
  • 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में कोई कमाल नहीं कर सके।
  • आखिरकार तीन अगस्त 2019 को उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया।
  • वह फ्लोरिडा के हावर्ड विश्वविद्यालय से स्नातक और कैंब्रिज से दर्शनशास्त्र में एमफिल हैं।

शशि थरूर का पॉलिटकल करियर

  • शशि थरूर ने पहली बार 2009 में अपने राजनैतिक करियर की शुरुआत की।
  • केरल के थिरुवनंतपुरम से लोकसभा का चुनाव लड़ा
  • थरूर वर्ष 2009, 2014 और 2019 में इस सीट से लगातार जीत रहे हैं।
  • वह करीब 27 वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र में काम कर चुके हैं।
  • वह मनमोहन सरकार में भारत के विदेश राज्यमंत्री और मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री रह चुके हैं।
  • थरूर भारत की ओर से पूर्व राजदूत भी रहे हैं।
  • 9 मार्च 1956 को वह लंदन में जन्मे थे।
  • वह तिरुवनंतपुरम और दिल्ली में रहते हैं।
  • दिल्ली के सेंट स्टीफंस कालेज से ग्रेजुएशन किया है।
  • वह एमए और अमेरिका से एमएएलडी और पीएचडी हैं।
  • वर्ष 2013 तक वह ट्विटर पर सर्वाधिक फॉलोवर्स वाले राजनेता थे।
  • वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने उन्हें पीछे छोड़ दिया।

अशोक गहलोत का पॉलिटकल करियर

  • वर्ष 1977 में पहली बार राजस्थान के सरदारपुरा से विस चुनाव लड़ा मगर हार गए।
  • वर्ष 1980 में जोधपुर से लोकसभा का चुनाव जीत गए।
  • वर्ष 1984 में वह पहली बार केंद्रीय मंत्री बने।
  • वर्ष 1993 में वह राजस्थान लौट आए और संगठन देखने लगे।
  • 1998 में उनके नेतृत्व में राजस्थान में कांग्रेस सरकार बनी और वह सीएम बने।
  • वर्ष 2008 में दोबारा राजस्थान के सीएम बने।
  • 2013 में आइसीसी महासचिव बनाए गए।
  • 2018 में उन्हें तीसरी बार राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया।

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