कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने बुधवार को दावा किया, सत्तारूढ़ पार्टी छोड़ने और भाजपा में शामिल होने से ठीक पहले दिसंबर 2020 में उन्हें तृणमूल कांग्रेस ने डिप्टी सीएम (उपमुख्यमंत्री) पद की पेशकश की थी।
अधिकारी ने कहा, 'मेरे भाजपा में शामिल होने से कुछ दिन पहले ही 1 दिसंबर 2020 को मुझे डिप्टी सीएम की कुर्सी की पेशकश की गई थी। लेकिन मैंने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया क्योंकि मैंने तृणमूल छोड़ने का मन बना लिया था। जब मैं तृणमूल में था तो मुझसे कोई भी मंत्री पद की कुर्सी नहीं छीनी गई। मैंने अपनी इच्छा से उन पदों से इस्तीफा दे दिया था।'
बंगाल को बचाने की जरूरत -अधिकारी
अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर जिले के एगरा में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा यह बयान दिया। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि मैंने उपमुख्यमंत्री पद के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था, क्योंकि उस समय मेरे मन में एकमात्र भावना यह थी कि बंगाल को बचाने की जरूरत है। 19 दिसंबर 2020 को मैं भाजपा में शामिल हो गया था।
कुणाल घोष ने दावे का किया खंडन
हालांकि, अधिकारी के दावों का तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने खंडन किया है। घोष ने कहा कि उपमुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव वास्तव में विपक्ष के वर्तमान नेता शुभेंदु अधिकारी की ओर से आया था, जिसे पार्टी नेतृत्व ने अस्वीकार कर दिया था।
मौजूदा शासन ने बंगाल में लोकतंत्र को नष्ट किया
इस बीच, अधिकारी ने 8 जुलाई के पंचायत चुनावों के लिए राज्य में पहले से ही तैनात केंद्रीय सशस्त्र बलों के जवानों से मतदान के दिन स्वतंत्र रूप से काम करने का भी आह्वान किया। इसके अलावा उन्होंने केंद्रीय सशस्त्र बलों से कहा कि ''आप कलकत्ता हाईकोर्ट के निर्देश पर यहां आए हैं। मुख्यमंत्री ने आपको यहां नहीं बुलाया। राज्य के लोगों की रक्षा करना आपका महान कर्तव्य है। वर्तमान शासकों ने पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है। उन्होंने राज्य पुलिस को पार्टी कैडर में बदल दिया है। उनकी मत सुनिए।'' (IANS)