नई दिल्ली: राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को भावुक हो गए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस माहौल में मैं और जीना नहीं चाहता। खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ से अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी की ओर से की गई कुछ टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाने का आग्रह किया। सभापति ने आश्वासन दिया कि वह मंगलवार को सदन में तिवारी द्वारा की गई टिप्पणियों पर गौर करेंगे और खरगे को ठेस पहुंचाने वाला कोई भी शब्द रिकॉर्ड में नहीं रहेगा।
जब सदन में अचानक भावुक हो गए खरगे
खरगे ने राज्यसभा में कहा कि तिवारी ने उनके राजनीतिक सफर का जिक्र किया और कहा कि ‘उनका (खरगे का) पूरा परिवार’ राजनीति में था। खरगे ने कहा, ‘‘उन्होंने 'परिवारवाद' के बारे में एक टिप्पणी की। अभी मैं कह सकता हूं कि वास्तव में परिवारवाद कहां है।’’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा ‘‘मैं अनुरोध करता हूं कि इस टिप्पणी को (रिकॉर्ड से) हटा दिया जाना चाहिए।’’
उन्होंने आगे कहा कि अपने परिवार में वह पहली पीढ़ी के राजनेता हैं और उनके माता-पिता राजनीति में नहीं थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद के अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भी कुछ बातें कहीं। खरगे ने कहा, कल मैं यहां लास्ट मोमेंट में नहीं था। उस समय माननीय सदस्य घनश्याम तिवारी ने सदन में एक समस्या उठाई थी। उन्होंने परिवारवाद के आरोप लगाए। शायद उनके मन में क्या था, मुझे मालूम नहीं। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि पॉलीटिक्स में मेरा पहला जेनरेशन है। इसके पीछे मेरे बाप नहीं थे और मेरी मां नहीं थी। मां के बाद पिताजी ने मुझे पाला है।मैं उनके आशीर्वाद से यहां तक पहुंचा हूं।
'मेरा नाम मां-बाप ने बहुत सोच कर रखा'
इस पर, सभापति धनखड़ ने उनके पिता से भी अधिक लंबे जीवन की कामना करते हुए कहा ‘आप 95 साल से अधिक जियें’। इस पर खरगे ने भावुक होते हुए कहा, ‘‘मैं इस माहौल में और जीना नहीं चाहता। मुझे बुरा लगा कि तिवाड़ी जी ने यह कहा कि खरगे का नाम मल्लिकार्जुन है। यह शिव का नाम है। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। मेरे मां-बाप ने नाम बहुत सोच कर रखा था। मेरे परिवार में से सिर्फ मैं अकेला राजनीति में आया हूं। उनको मेरे नाम मल्लिकार्जुन से क्या दिक्कत है।
भाजपा नेता का खरगे के लिए कुछ गलत मतलब नहीं था- सभापति
दरअसल, वह मंगलवार को राज्यसभा में भाजपा के सांसद घनश्याम तिवारी के एक बयान से आहत थे। घनश्याम तिवाड़ी ने मल्लिकार्जुन खरगे के नाम पर कुछ टिप्पणी की थी और उन ऊपर परिवारवाद का आरोप भी लगाया था। वहीं, इस पर धनखड़ ने कहा कि मंगलवार को जब तिवारी ने यह टिप्पणी की, तब वह आसन पर थे। सभापति के अनुसार, उन्हें नहीं लगता कि भाजपा नेता का खरगे के लिए कुछ गलत मतलब था। सभापति ने खरगे को आश्वासन दिया कि वह रिकॉर्ड की बारीकी से जांच करेंगे। (भाषा इनपुट्स के साथ)
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