Monday, December 02, 2024
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मोहन भागवत के बच्चों के जन्म को लेकर दिए बयान पर संजय राउत ने किया हमला, कही ये बात

मोहन भागवत के जनसंख्या पर दिए गए बयान को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। अब इस मामले पर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने हमला बोला है।

Edited By: Rituraj Tripathi @riturajfbd
Published : Dec 02, 2024 23:28 IST, Updated : Dec 02, 2024 23:29 IST
Sanjay Raut- India TV Hindi
Image Source : FILE संजय राउत

मुंबई: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा भारत की घटती प्रजनन दर पर चिंता व्यक्त किए जाने के बाद ये मुद्दा राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। तमाम नेता इस पर अपनी राय प्रकट कर रहे हैं। इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता संजय राउत ने मोहन भागवत के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।

राउत ने क्या कहा?

राउत ने कहा कि मोहन भागवत जनसंख्या में और कितनी वृद्धि चाहते हैं? राउत ने कहा कि देश की आबादी पहले से ही 150 करोड़ है और आप इसे और बढ़ाने की बात करते हैं। संघ प्रमुख और कितनी आबादी चाहते हैं? राउत ने कहा कि क्या आपके पास जो मौजूदा आबादी है, उसके लिए पर्याप्त नौकरियां, घर और भरण पोषण के साधन हैं?

मोहन भागवत ने क्या कहा था?

मोहन भागवत ने कहा था कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर समय-समय पर चर्चा होती है। उन्होंने जनसंख्या वृद्धि में गिरावट पर चिंता जताते हुए कहा था कि भारत की कुल प्रजनन दर (टीएफआर) मौजूदा 2.1 के बजाए कम से कम तीन होनी चाहिए। टीएफआर का तात्पर्य एक महिला द्वारा जन्म दिए जाने वाले बच्चों की औसत संख्या से है। 

नागपुर में ‘कठाले कुलसम्मेलन’ में मोहन भागवत ने परिवारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला और आगाह किया कि जनसंख्या विज्ञान के अनुसार, यदि किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे जाती है, तो यह विलुप्त होने के कगार पर पहुंच सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘जनसंख्या में कमी गंभीर चिंता का विषय है। जनसांख्यिकी अध्ययनों से पता चलता है कि जब किसी समाज की कुल प्रजनन दर 2.1 से नीचे जाती है, तो उसके विलुप्त होने का खतरा होता है। इस गिरावट के लिए जरूरी नहीं कि बाहरी खतरे हों; कोई समाज धीरे-धीरे अपने आप ही विलुप्त हो सकता है।’’ भागवत ने कहा, ‘‘इस मुद्दे के कारण कई भाषाएं और संस्कृतियां पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं। इसलिए, प्रजनन दर को 2.1 से ऊपर बनाए रखना आवश्यक है।’’  (इनपुट: भाषा)

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