शिमला: हिमाचल प्रदेश में शुक्रवार सुबह से चल रहा मुख्यमंत्री पद का घमासान रात होते-होते सुलझता नजर आया। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में राज्य का मुख्यमंत्री चुनने का अधिकार हाईकमान को देने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया। माना जा रहा है कि भले ही एक लाइन के इस प्रस्ताव से शिमला में बढ़ रही सियासी गर्मी फौरी तौर पर शांत हो गई है, लेकिन जिस तरह से दिन भर सीएम पद की दावेदारी पर प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सुक्खू ताल ठोंकते रहे, उससे लगता है कि आलाकमान के लिए सूबे का मुख्यमंत्री चुनने का फैसला आसान नहीं होने वाला है।
शाम तक गायब हो गई पर्यवेक्षकों के चेहरों की मुस्कुराहट
सूबे में मुख्यमंत्री की कुर्सी की जंग अब कंधे पर चढ़कर लड़ी जा रही है। कोई किसी से पीछे न रह जाए इसलिए हर कोई अपनी ताकत दिखाने में लगा है। शिमला में सुबह से लेकर शाम तक इसी तरह नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच रस्साकशी चलती रही। शुक्रवार की सुबह कांग्रेस के पर्यवेक्षक भूपेश बघेल और भूपेंद्र सिंह हुड्डा, एवं हिमाचल में कांग्रेस के प्रभारी राजीव शुक्ला हंसते हुए चेहरों के साथ शिमला में उतरे थे। वे शायद इस उम्मीद में कि जल्द से जल्द सीएम को चुनकर वापस दिल्ली लौट जाएंगे, लेकिन रात होते होते उनके चेहरे की हवाइयां उड़ने लगी थीं।
विधायक दल की बैठक के बाद गले मिले प्रतिभा और सुक्खू
मुख्यमंत्री पद के दावेदार सुखविंदर सिंह सुक्खू सुबह से तस्वीरों से गायब नजर आ रहे थे, लेकिन वह शाम को जैसे ही शिमला पहुंचे, उनके समर्थक विधायकों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया। सुक्खू के समर्थक विधायक आलाकमान को शायद यह संदेश देना चाहते थे कि ज्यादातर विधायकों का समर्थन उनके साथ है। हालांकि, इस बारे में कुछ भी पूछने पर सुक्खू ने कहा कि वह सीएम पद के दावेदार नहीं हैं, आलाकमान जो भी फैसला लेगा उन्हें मंजूर होगा। विधायक दल की बैठक के बाद प्रतिभा और सुक्खू ने गले मिलकर एकता का संदेश देने की कोशिश भी की।
अभी किसी भी गुट ने नहीं खोले अपने पत्ते
हिमाचल की सियासत में शुक्रवार की सुबह से लेकर रात तक जो भी हुआ, उससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस पार्टी के सारे विधायक एक पेज पर नहीं हैं। विधायक दल की बैठक के बाद भी प्रतिभा सिंह के विधायक बेटे विक्रमादित्य सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीएम फेस के सवाल पर गोल-मोल जवाब ही दिए। दोनों के जवाबों का लुब्बेलुबाब यही था कि उन्होंने अपनी बात रख दी है और सूबे के मुख्यमंत्री के बारे में फैसला अब आलाकमान को लेना है। विक्रमादित्य ने कहा कि नाम ‘आज, कल या परसों में क्लियर हो जाएगा।’