हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनने जा रही है। पार्टी ने CM और डिप्टी CM के नामों का भी ऐलान कर दिया है। CM की कुर्सी सुखविंदर सिंह सुक्खू को सौंपी गई है तो वहीं डिप्टी CM मुकेश अग्निहोत्री को बनाया गया है। पिछले दो दिनों से कांग्रेस में इस बात को लेकर काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई थी कि CM और डिप्टी CM किसे बनाया जाए। CM पद की रेस में प्रतिभा सिंह और सुखविंदर सिंह सुक्खू का नाम सबसे आगे चल रहा था और इनके बीच ही CM की कुर्सी को लेकर फाइट थी। दोनों लोगों के समर्थक विधायकों ने अपने नेता को CM बनाने के लिए खूब नारेबाजी की। अंतत: आज इन सीएम और डिप्टी सीएम के नाम पर कांग्रेस आलकमान ने मुहर लगा दी।
सीएम पद की रेस में भी शामिल था मुकेश अग्निहोत्री का नाम
हिमाचल में सरकार बदलने को लेकर मुकेश अग्निहोत्री ने बड़ी भूमिका निभाई थी। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने भाजपा और जयराम ठाकुर पर ताबड़तोड़ हमले किए थे। इसी आक्रामक शैली का उन्हें फायदा भी मिला। कांग्रेस की तरफ से CM के दावेदार के रूप में उनका नाम भी चल रहा था। वहीं, मुकेश अग्निहोत्री कांग्रेस के स्टार प्रचारक भी हैं, जो हरोली छोड़ कर प्रदेश के दूसरे जिला में पार्टी प्रत्याशियों के लिए प्रचार किए थे।
हिमाचल प्रदेश में मजबूत ब्राम्हण चेहरा
मुकेश अग्निहोत्री ब्राम्हण समाज से ताल्लुक रखते है। कांग्रेस ने हिमाचल में डिप्टी सीएम ब्राम्हण समुदाय और सीएम ठाकुर चेहरे को बनाकर सूबे में दोनों समुदायों को साधने की कोशिश की है। मुकेश अग्निहोत्री हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली हरोली विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे। वह खुद उना जिले से ताल्लुक रखते हैं। चुनाव में उन्होंने BJP प्रत्याशी को बड़े मार्जिन से हराया था। मुकेश अग्निहोत्री इसी सीट से पहले भी विधायक रह चुके हैं। वह हरोली विधानसभा सीट से लगातार 2003, 2007, 2012 और 2017 में चुनाव जीतते आ रहा हैं। कांग्रेस के 2012-17 शासनकाल में वह उद्योग मंत्री भी थे। 2018 में उन्हें विधायक दल के नेता के रूप में भी चुना गया।
आइए जानते है हिमाचल के नए डिप्टी सीएम के बारे में
मुकेश अग्निहोत्री का जन्म पंजाब के संगरूर में 9 अक्टूबर 1962 को ओंकारचंद शर्मा के घर हुआ था। उनकी प्रारंभिक शिक्षा उना में ही हुई थी। बाद में उन्होंने मैथ्स में M.Sc की डिग्री भी ली। उसके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन पब्लिक रिलेशन का कोर्स किया। राजनीति में आने से पहले वह एक पत्रकार हुआ करते थे। उन्होंने शिमला में 10 साल और दिल्ली में 4 साल पत्रकारिता की।
मुकेश अग्निहोत्री का राजनीतिक करियर
पत्रकारिता के बाद मुकेश अग्निहोत्री ने राजनीति में आने का फैसला किया। जिसके बाद 2003 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर संतोषगढ़ विधानसभा क्षेत्र (डि-लिमिटेशन में नाम बदलकर हरोली) से पहली बार चुनाव लड़ा था। वह पहली बार में ही चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह हरोली से लगातार 5वीं बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। पूर्व वीरभद्र सरकार में उद्योग, श्रम और रोजगार, संसदीय मामले और सूचना एवं जनसंपर्क जैसे महत्वपूर्ण विभागों के मंत्री भी रह चुके हैं। इससे पहले चीफ पार्लियामेंटरी सेक्रेटरी (CPS) के पद पर भी उन्होंने काम किया है।
2017 के विधानसभा चुनाव के बाद मुकेश अग्निहोत्री को पूर्व CM वीरभद्र सिंह के करीबी होने का फायदा मिला, जिससे उन्हें कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया, फिर नेता प्रतिपक्ष का ओहदा मिला। इसके बाद मुकेश अग्निहोत्री ने कांग्रेस की आवाज को बुलंद रखा। उन्होंने भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार, बेरोजगारी, महंगाई, कर्ज, पुलिस भर्ती पेपर लीक मामले और अन्य मुद्दों पर घेरे रखा। वहीं, उपचुनाव में उनकी पार्टी को विधानसभा की 3 और लोकसभा की एक सीट पर जीत दिलाने में अहम भूमिका रही।