हिमाचल प्रदेश इन दिनों राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है। राज्य की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर मंडरा रहा खतरा अबतक टला नहीं है। बीते दिनों सीएम सुक्खू ने बागी विधायकों को काला नाग कहा था। इसके बाद प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपने फेसबुक प्रोफाइल से कांग्रेस और मंत्रिपद की जानकारी को हटा दिया। विक्रमादित्य सिंह लगातार उन विधायकों को पार्टी में वापसी कराने में जुटे हुए हैं, जिनकी विधायकी को रद्द कर दिया गया था। इस बीच उन्होंने चंडीगढ़ में विधायकों से मुलाकात भी की, जिसके बाद सीएम सुक्खू भड़क गए थे।
हिमाचल की राजनीति पर दिग्विजय सिंह का बयान
इस बीच हिमाचल प्रदेश की राजनीतिक संकट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि सही समय पर विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई का जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उन साजिशकर्मताओं का काम है, जिन्होंने सरकारें गिराने की जिम्मेदारी ली है। लेकिन सरकार अभी भी वहीं है। क्रॉस वोटिंग को लेकर उन्होंने कहा कि सही समय पर पार्टी के बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। बता दें कि हिमाचल प्रदेश सरकार के 6 विधायकों सुधीर शर्मा, दविंदर के भुट्टो, रवि ठाकुर, चैतन्य शर्मा, इंदर दत्त लखनपाल की विधानसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया है। इनके ही वोटों के कारण भाजपा के राज्यसभा सांसद को राज्य में जीत मिली।
कांग्रेस को लग सकता है झटका
इसपर दिग्विजय सिंह ने कहा कि स्क्रीनिंग कमेटी के साथ बैठक होनी है। केंद्रीय चुनाव समिति इसका फैसला करेगा। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पास 68 विधायक थे। लेकिन राज्यसभा चुनाव में केवल 61 विधायकों ने ही कांग्रेस के पक्ष में वोट दिया। बता दें कि विक्रमादित्य सिंह पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे हैं और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में विक्रमादित्य कांग्रेस के बड़े चेहरों में से एक हैं। ऐसे में लोकसभा चुनाव से पूर्व अगर वो कांग्रेस से दूरी बना लेते हैं तो कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका होगा।