शिमला: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की हुई जीत के बाद शुरू हुआ सियासी हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा। ऐसे में कांग्रेस विधायकों के साथ ऑब्जर्वर की हो रही मीटिंग अब खत्म हो गई है। पहले खबर सामने आई कि विक्रमादित्य सिंह को मना लिया गया है और उन्होंने इस्तीफा भी वापस ले लिया है।
लेकिन बाद में विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि उन्होंने इस्तीफा वापस नहीं लिया है। हालांकि विक्रमादित्य ने ये भी कहा कि वह सुक्खू सरकार पर कोई प्रेशर नहीं बनाएंगे। हिमाचल सरकार को कोई खतरा नहीं है। गौरतलब है कि हिमाचल में चल रहे बवाल के बीच राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
कहां हुई थी मीटिंग?
यह मीटिंग शिमला के निजी होटल में हो रही थी। इस मीटिंग के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजीव शुक्ला मीटिंग के लिए पहुंचे थे। मीटिंग के लिए राजीव शुक्ला के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेंद्र हुड्डा, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिव कुमार, प्रतिभा सिंह और विक्रमादित्य भी पहुंचे थे। इस मीटिंग में मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू समेत मंत्री और विधायक भी मौजूद थे।
संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने क्या कहा?
शिमला के निजी होटल में मीटिंग खत्म होने के बाद संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने कहा कि मैंने खुद स्पीकर को संज्ञान लेने के लिए कहा था, क्योंकि व्हिप जारी होने के बावजूद 6 विधायक अनुपस्थित थे। उन्होंने बताया कि इस पर स्पीकर ने शो कॉज नोटिस जारी किया था, अब मामला स्पीकर ने सुरक्षित रख लिया है। उन्होंने कहा कि बागी विधायकों में से काफ़ी हमारे संपर्क में हैं सरकार को कोई ख़तरा नहीं है।
विक्रमादित्य ने सुक्खू पर लगाए थे आरोप
विक्रमादित्य सिंह के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर कई आरोप लगए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू पर अनदेखी का आरोप भी लगाया था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की मूर्ति के लिए दो गज जमीन तक ने देने का आरोप भी लगाया था।
कांग्रेस के 6 विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग
दरअसल, कांग्रेस पार्टी के 6 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग करते हुए बीजेपी के राज्यसभा उम्मीदवार के पक्ष में वोट डाला। क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 विधायक इंद्रजीत लखनपाल, चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा,राजेंद्र राणा, देवेंद्र सिंह भुट्टो, रवि ठाकुर और तीन निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा, के एल ठाकुर और होशियार सिंह इसके बाद से गायब हैं।