अयोध्या में 22 तारीख को राम मंदिर में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरे देश में उत्साह का माहौल बना हुआ है। हालांकि, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अधीर रंजन के द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के निमंत्रण को ठुकराए जाने के बाद नया विवाद भी शुरू हे गया है। कांग्रेस के इस फैसले से पार्टी के ही कई नेता असहमति जता रहे हैं। इस बीच हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने RSS और विश्व हिंदू परिषद की तारीफ भी कर दी है।
RSS व VHP को धन्यवाद
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा- "मैं सौभाग्यशाली हूं कि मैं हिमाचल के उन कुछ लोगों में से एक हूं जिन्हें राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' का निमंत्रण मिला है। यह जीवन में एक बार मिलने वाला अवसर है। मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद को मुझे और मेरे परिवार को अयोध्या में ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनने का मौका देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।"
ये नेता भी भड़के
गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सीनियर नेता अर्जन मोढवाडिया ने भी कांग्रेस पार्टी द्वारा राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराने पर कहा है कि पार्टी को ऐसे राजनीतिक निर्णय लेने से दूर रहना चाहिए था। भगवान श्री राम आराध्य देव हैं। यह देशवासियों की आस्था और विश्वास का विषय है।
कांग्रेस क्या बोली?
पिछले महीने राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और कांग्रेस संसदीय दल के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला था। हालांकि, कांग्रेस ने कहा है कि 2019 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकर करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी बीजेपी और आरएसएस के इस आयोजन को निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं।
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