हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजे मंगलवार, 8 अक्टूबर को आ गए हैं और इस बार कांग्रेस को बड़ी हार मिली है। चुनाव में हार मिलने के बाद इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के सुर भी बदल गए हैं और कांग्रेस को मंगलवार को ‘इंडिया’ गठबंधन के अपने सहयोगी दलों से महाराष्ट्र, झारखंड और दिल्ली में अगले दौर के विधानसभा चुनाव से पहले अपनी चुनावी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए कुछ सलाह दे डाली है।
केजरीवाल ने दी ये सलाह
इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस को सलाह देते हुए मंगलवार को कहा कि चुनाव परिणामों का ‘‘सबसे बड़ा सबक’’ यह है कि चुनाव में कभी भी ‘‘अति आत्मविश्वासी’’ नहीं होना चाहिए। केजरीवाल ने कहा, देखिए, हरियाणा में चुनाव के नतीजे क्या रहते हैं। सबसे बड़ा सबक यही है कि किसी को भी चुनाव में अति आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘किसी चुनाव को हल्के में नहीं लेना चाहिए। हर चुनाव और हर सीट मुश्किल होती है।’’
शिवसेना उद्धव गुट की सलाह
बता दें कि हरियाणा में सीट बंटवारे को लेकर मतभेद के कारण आम आदमी पार्टी, कांग्रेस के साथ चुनाव से पहले गठबंधन करने में विफल रही थी। हालांकि शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि हरियाणा चुनाव के नतीजों का महाराष्ट्र में कोई असर नहीं पड़ेगा, जहां अगले महीने चुनाव होने की संभावना है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कांग्रेस को अपनी चुनावी रणनीति पर फिर से विचार करना चाहिए, क्योंकि हरियाणा में भाजपा के खिलाफ सीधी लड़ाई में कांग्रेस उम्मीदों से कमतर प्रदर्शन कर सकी।
भाकपा की कांग्रेस को सलाह
भाकपा महासचिव डी.राजा ने भी कांग्रेस को सलाह दी है और कहा है कि कांग्रेस हरियाणा के चुनाव परिणामों पर गंभीरता से आत्मचिंतन करे और महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी चुनावों में विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सभी सहयोगियों को साथ लेकर चले। कांग्रेस महाराष्ट्र में सीट बंटवारे के लिए शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (शरदचंद्र पवार) के साथ बातचीत कर रही है।
सलाह के बाद कांग्रेस ने दी ये दलील
इस बीच, कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद मंगलवार को महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों को गठबंधन धर्म की याद दिलाई और कहा कि लोकसभा चुनाव में प्रदेश में वह सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी। पार्टी के नेता ने कहा, ‘‘मैं याद दिलाना चाहता हूं कि लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र में कांग्रेस पहले स्थान पर थी। गठबंधन का एक धर्म होता है, जो आपस की बात होती है वो एक दूसरे से बोलते हैं मीडिया के माध्यम से नहीं बोलते।’’ उन्होने यह भी कहा, महाराष्ट्र में गठबंधन को मजबूत करना हमारा कर्तव्य बनता है और हम अपने साथी दलों के बारे में कुछ नहीं कहेंगे।’’
इनपुट-भाषा