केंद्र सरकार ने मंगलवार को दिल्ली के तीन मूर्ति भवन पर स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम व लाइब्रेरी (NMML) का नाम बदल दिया है। अब इस स्थान को प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी (PMMS) के नए नाम से जाना जाएगा। सरकार ने बीते 16 जून को ही इस म्यूजियम का नाम बदलने का ऐलान किया था। 15 अगस्त से इसे नए नाम से जाना जाएगा।
कांग्रेस ने किया था विरोध
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम का नाम बदले जाने को लेकर कांग्रेस ने भाजपा पर जमकर हमला किया था। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं। उन्होंने कहा था कि नाम बदलने से पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू की शख्सियत को कम नहीं किया जा सकता।
जेपी नड्डा ने दिया था जवाब
मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस इस बात को पचा नहीं पा रही है कि एक वंश से अलग नेता भी देश के लिए योगदान दे रहे हैं। उन्होंने कहा था कि पीएम संग्रहालय राजनीति से परे एक प्रयास है।
पूर्व पीएम नेहरू का आधिकारिक निवास
1929-30 के दौर में बना तीन मूर्ति हाउस पहले भारत में कमांडर इन चीफ का आधिकारिक निवास था। आजादी के बाद ये तत्कालीन पीएम जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक निवास बना। 1964 में अपने निधन तक नेहरू करीब 16 साल तक यहीं रहे थे। इसके बाद की सरकार ने नेहरू को समर्पित करते हुए इस भवन में एक संग्रहालय और एक पुस्तकालय के निर्माण का प्रस्ताव रखा। इसी के बाद नेहरू स्मारक संग्रहालय का उद्घाटन हुआ और NMML सोसायटी की स्थापना हुई।
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