Highlights
- कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दिया कांग्रेस से इस्तीफा
- कांग्रेस ने आजाद को बनाया था चुनाव अभियान समिति का प्रमुख
- 'हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं आजाद'
Ghulam Nabi Azad Resigns: कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के पार्टी छोड़ने के खबर ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। उनके इस्तीफे से ना सिर्फ कांग्रेस बल्कि पूरा विपक्ष हैरान है। इस बीच जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला ने आजाद के इस्तीफे पर प्रतिक्रिया दी है। अब्दुल्ला ने कहा कि कांग्रेस ने अतीत में गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे जैसे कई झटके झेले हैं और बाद में मजबूत होकर उभरी है। अब्दुल्ला ने मीडियाकर्मियों से कहा कि आजाद को शायद कांग्रेस में सम्मान नहीं मिल रहा होगा, लेकिन पहले तो उसी पार्टी ने उनपर खूब प्यार बरसाया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मजबूत वापसी करेगी। देश को एक मजबूत विपक्ष की जरूरत है।
'ऐसा क्या हो गया कि इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा'
आजाद के इस्तीफे पर अफसोस जताते हुए फारूक अब्दुल्ला ने कहा, इंदिरा गांधी के जी वक्त से ये (गुलाम नबी आजाद) इनर कैबिनेट के मेंबर थे। आज भी सोनिया गांधी के बहुत करीब थे। अब्दुल्ला ने कहा कि बड़ा अफसोस है मुझे कि ऐसा क्या हो गया कि इन्हें बड़ा फैसला लेना पड़ा।
'हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं आजाद'
वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्ववीट कर कहा, ''लंबे समय से अफवाह उड़ रही थी, लेकिन कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है। शायद हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं, उनका इस्तीफा बेहद दुखद है। इतनी पुरानी पार्टी का पतन होते देखना दुखद और खौफनाक है।''
कुछ पीडीपी नेताओं ने कहा कि विकास कांग्रेस पार्टी का आंतरिक मुद्दा था जबकि आधिकारिक तौर पर पार्टी ने इस विकास पर कोई टिप्पणी नहीं की है। इस बीच, आजाद के करीबियों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देना जारी रखा। एक पूर्व विधायक मोहम्मद अमीन भट ने भी शुक्रवार को इस्तीफा दिया।
'कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए'
बता दें कि गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। वे लंबे अर्से से पार्टी से नाराज चल रहे थे। वे पार्टी के अंदर बदलाव की मुहिम चलाने के समर्थक माने जाते थे। आजाद ने कुछ दिन पहले प्रचार समिति से भी इस्तीफा दे दिया था। आजाद ने पांच पेज का इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा है। उन्होंने अपने इस्तीफे की चिट्ठी में लिखा-बहुत अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना रिश्ता तोड़ने का फैसला लिया है। उन्होंने अपनी चिट्ठी में इस बात का उल्लेख किया है कि कांग्रेस को भारत जोड़ो यात्रा की जगह कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकालनी चाहिए।