नयी दिल्ली: गुलाम नबी आजाद द्वारा पार्टी छोड़े जाने और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधे जाने के बाद से कांग्रेस लगातार उन पर हमले बोल रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को पार्टी ने कहा है कि राज्यसभा की सीट पर संकट आने के बाद ही उन्हें उस ‘दिव्य ज्ञान’ की प्राप्ति हुई जो अब दे रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने जम्मू-कश्मीर में आजाद के समर्थन में कई नेताओं के पार्टी छोड़ने को ज्यादा तवज्जो नहीं देने की कोशिश करते हुए यह भी कहा कि इस केंद्र शासित प्रदेश में पार्टी का अच्छा खासा आधार है और यह लोगों के मुद्दे उठा रही है।
‘अंग्रेजी ऐसी लिखते हैं जैसे किसी अंग्रेज ने लिखा हो’
गौरव वल्लभ ने आजाद पर हमला बोलते हुए कहा, ‘जो पार्टी से इस्तीफा देते हैं, 5 पन्नों की चिट्ठी लिखते हैं, अंग्रेजी ऐसी लिखते हैं जैसे किसी अंग्रेज ने लिखा हो, उनसे यह सवाल यह है कि आपको 2021 से पहले यह दिव्य ज्ञान क्यों नहीं आया? 2021 से पहले आपकी सीट सुरक्षित थी और आपका बंगला सुरक्षित था। जब सीट पर संकट आया तो दिव्य ज्ञान मिला।’ वल्लभ ने कहा कि चाहे ये लोग कुछ भी कर लें, लेकिन 4 सितंबर को रामलीला मैदान में महंगाई के खिलाफ ऐतिहासिक रैली होगी और 7 सितंबर से कन्याकुमारी से ‘भारत जोड़ो’ यात्रा होगी।
‘कांग्रेस 7 सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करेगी’
वल्लभ ने कहा, ‘हम आजाद साहब को यह बताना चाहते हैं कि राहुल गांधी 4 सितंबर को रामलीला मैदान में रैली कर रहे हैं। 7 सितंबर से भारत जोड़ो यात्रा शुरू करेंगे। 150 दिनों तक राहुल गांधी देश के मुद्दों को उठाने और देश को जोड़ने का काम करेंगे।’ उन्होंने यह दावा भी किया कि इस तरह के आरोप इसलिए लगाए जा रहे हैं ताकि कांग्रेस नरेंद्र मोदी सरकार से जनता के मुद्दों पर सवाल नहीं पूछ सके। बता दें कि राज्यसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद का राज्यसभा कार्यकाल फरवरी 2021 में पूरा हुआ था, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें उच्च सदन में नहीं भेजा।
‘कांग्रेस का इलाज कम्पाउंडर कर रहे हैं’
कांग्रेस के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को पार्टी से नाता तोड़ लिया था। सोमवार को उन्होंने अपनी पुरानी पार्टी और उसके नेतृत्व पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा था कि ‘बीमार’ कांग्रेस को दुआ की नहीं, दवा की जरूरत है, लेकिन उसका इलाज ‘कम्पाउंडर’ कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले होने के कांग्रेस के आरोप पर भी उन्होंने राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनको निशाने पर लिया था और सवाल पूछा था कि जो संसद में भाषण देने के बाद प्रधानमंत्री से गले मिले, वह मोदी के साथ मिले या नहीं?