Highlights
- कांग्रेस से नाराज हैं गुलाम नबी आजाद
- पार्टी में आजादी की सिफारिशों पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
- आजाद ने जम्मू कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया
Ghulam Nabi Azad News: जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को एक ऐसा झटका लगा है, जिसके लिए शायद वो तैयार नहीं थी। दरअसल कांग्रेस ने मंगलवार को सीनियर पार्टी लीडर गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर प्रदेश कैंपेन कमेटी का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन कांग्रेस के इस फैसले के 2 घंटे बाद ही गुलाम नबी आजाद ने पद से इस्तीफा दे दिया। हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि आजाद ने ऐसा क्यों किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आजाद इस बात से नाराज हैं कि पार्टी में उनकी सिफारिशों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है , इसीलिए उन्होंने नई जिम्मेदारी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि कांग्रेस ने अपनी सफाई में कहा कि गुलाम की तबीयत ठीक नहीं है, इसलिए उन्होंने नए पद को लेने से इनकार कर दिया।
बता दें कि गुलाम नबी उस G-23 समूह के भी सदस्य हैं, जो पार्टी में कई बदलावों की बात करता है। ऐसे में आजाद के इस्तीफे के कई राजनीतिक मायने भी निकाले जा रहे हैं और सियासी गलियारों में इस बात की खूब चर्चा भी हो रही है कि आजाद के रिश्ते कांग्रेस से अब पूरी तरह ठीक नहीं हैं।
विकार रसूल वानी को जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की जिम्मेदारी
जम्मू-कश्मीर कांग्रेस की जिम्मेदारी विकार रसूल वानी को दी गई है। उन्हें जम्मू कश्मीर कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया है। इससे पहले ये जिम्मेदारी अहमद मीर के पास थी। रसूल वानी को गुलाम नबी के काफी करीब माना जाता है। बता दें कि आजाद पांच राज्यों में पार्टी की हार से काफी दुखी भी थे। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि जब पार्टी की हार होती है तो मेरा दिल रोता है। हमने इस पार्टी को बनाने के लिए अपनी जवानी दी है। मैं उम्मीद करता हूं कि पार्टी हाईकमान बदलाव की बातों पर ध्यान देगा।
गुलाम के घर हुई थी एक मीटिंग
दरअसल कांग्रेस को जब 5 राज्यों में हार मिली थी, तो गुलाम नबी आजाद के घर पर G-23 गुट की डिनर मीटिंग हुई थी। ये कांग्रेस के असंतुष्ट लोगों की मीटिंग थी, जिसके बाद ये आशंका जताई जा रही थी कि ये लोग विद्रोह कर देंगे। हालांकि CWC की बैठक में सोनिया और राहुल-प्रियंका ने अपने इस्तीफे की पेशकश तक कर दी थी। जिसे बाद में कांग्रेस नेताओं ने नकार दिया था।