डेमोक्रेटिक आजाद पार्टी के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को कांग्रेस में फिर से शामिल होने की खबरों पर खुद सामने आकर सफाई दी है। आजाद ने इस तरह की खबरों को 'पूरी तरह निराधार' बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं का मनोबल गिराने के लिए है। बता दें कि आजाद ने इस साल की शुरुआत में कांग्रेस के साथ अपना 52 साल पुराना साथ तोड़ दिया था।
"मेरे नेताओं का मनोबल गिराने की कोशिश"
गुलाम नबी आजाद ने मीडिया के एक वर्ग में आई खबरों पर हैरानी जताते हुए ट्वीट में कहा, "दुर्भाग्य से इस तरह की कहानियां कांग्रेस पार्टी में नेताओं के एक वर्ग द्वारा अभी प्लांट की जा रही हैं और मेरे नेताओं और समर्थकों का मनोबल गिराने के लिए ऐसा कर रहे हैं।" उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी और उसके नेतृत्व के प्रति मेरे मन में कोई दुर्भावना नहीं है, हालांकि मैं उनसे अनुरोध करता हूं कि वह इन कथावाचकों को ऐसा करने से रोकें। एक बार फिर मैं जोर देकर कहना चाहता हूं कि यह खबर पूरी तरह निराधार है!"
कांग्रेस से तोड़ा 52 साल पुराना रिश्ता
कांग्रेस हलकों के भीतर पर्दे के पीछे की बातचीत की खबरें आती रही हैं। पार्टी आलाकमान के साथ अपने मतभेदों के बाद आजाद ने अगस्त में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और राहुल गांधी और उनकी मंडली पर निशाना साधा था। उन्होंने सितंबर के अंत में अपनी पार्टी बनाई। 1970 के दशक के मध्य में कांग्रेस में शामिल होने के बाद आजाद ने पार्टी और सरकार दोनों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। वह 2005 से 2008 तक जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री भी रहे।