Highlights
- राहुल गांधी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर बातचीत के लिए बुलाया था।
- हुड्डा ‘G-23’ समूह के सदस्य हैं जो पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है।
- गांधी परिवार के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं ने सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
नयी दिल्ली: कांग्रेस के ‘G 23’ ग्रुप के नेताओं की ओर से पार्टी में ‘सामूहिक और समावेशी नेतृत्व’ की मांग किए जाने के एक दिन बाद गुरुवार को इसके सदस्य और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी के साथ उनकी एक घंटे से अधिक समय तक चली मुलाकात के दौरान हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों और पार्टी को मजबूत करने के संदर्भ में चर्चा हुई है।
माना जा रहा है कि दोनों नेताओं ने हरियाणा में पार्टी को मजबूत बनाने के संदर्भ में भी बातचीत की है। राहुल गांधी ने हुड्डा को हरियाणा की राजनीतिक स्थिति पर बातचीत के लिए बुलाया था। इससे एक दिन पहले ही ‘G-23’ के नेताओं ने बैठक की थी। हुड्डा भी ‘G-23’ समूह के सदस्य हैं जो पार्टी में संगठनात्मक बदलाव और सामूहिक नेतृत्व की मांग कर रहा है। राहुल गांधी के साथ हुड्डा की इस बैठक को गांधी परिवार की ओर से इस समूह के नेताओं से संपर्क साधने और उनके पक्ष सुनने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है।
यह जानकारी भी सामने आई है कि हुड्डा ने राहुल गांधी से कहा कि कपिल सिब्बल के खिलाफ किसी तरह की कार्रवाई ‘जी 23’ को स्वीकार नहीं होगी क्योंकि सिब्बल ने सिर्फ कांग्रेस को मजबूत बनाने के बारे में बात की थी। सिब्बल ने पिछले दिनों एक इंटरव्यू में कहा था कि इस गांधी परिवार को कांग्रेस का नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। इसके बाद गांधी परिवार के वफादार माने जाने वाले कुछ नेताओं ने सिब्बल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
राहुल गांधी से मुलाकात के बाद हुड्डा ने ‘G-23’ समूह के प्रमुख सदस्य और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के आवास पर जाकर उनसे मुलाकात की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा भी आजाद के आवास पर पहुंचे और बैठक में शामिल हुए। आजाद और शर्मा भी ‘G-23’ समूह में शामिल हैं। माना जा रहा है कि इन नेताओं ने बुधवार को हुई बैठक की पृष्ठभूमि में आगे की रणनीति पर चर्चा की है।
कांग्रेस के ‘G-23’ समूह के नेताओं ने बुधवार को बैठक करके हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों पर चर्चा की थी और कहा था कि पार्टी के लिए आगे बढ़ने का यही रास्ता है कि सामूहिक और समावेशी नेतृत्व की व्यवस्था हो। उन्होंने एक बयान में यह भी कहा था कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए एक भरोसेमंद विकल्प पेश करने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों के साथ बातचीत की शुरुआत की जाए।
राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा, मनीष तिवारी, शशि थरूर, शंकर सिंह वाघेला, अखिलेश प्रसाद सिंह, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा, पृथ्वीराज चव्हाण, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राज बब्बर, मणिशंकर अय्यर, पी जे कुरियन, राजेंद्र कौर भट्टल, कुलदीप शर्मा, परनीत कौर और एम ए खान शामिल हुए थे।