भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी देवगौड़ा ने संसद में बड़ा बयान दिया है। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पूर्व पीएम देवगौड़ा ने कहा कि संसद को इस बात पर विचार करना चाहिए कि आरक्षण को जाति के आधार पर दिया जाए या फिर इसमें बदलाव कर के आर्थिक आधार पर कर देना चाहिए। पूर्व पीएम देवगौड़ा की इस मांग के बाद आरक्षण के मुद्दे पर चर्चा एक बार फिर से शुरू हो गई है।
क्या बोले एच डी देवगौड़ा?
पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के नेता एच डी देवगौड़ा मंगलवार को राज्यसभा में ‘भारत के संविधान की 75 साल की गौरवशाली यात्रा’ विषय पर चर्चा में भाग ले रहे थे। इस चर्चा के दौरान एच डी देवगौड़ा ने आरक्षण की व्यवस्था पर अपनी राय रखी। पूर्व पीएम ने कहा- ‘‘अतीत में जो कुछ हुआ, उस पर सदन को खुद विचार करना होगा कि क्या हमें इस देश में गरीबी के आधार पर ही आरक्षण देना चाहिए।’’
देवगौड़ा ने की बड़ी मांग
पूर्व पीएम देवगौड़ा ने संसद में कहा- "लोग उस आरक्षण से भी पीड़ित हैं जो हमने अतीत में दिया है और इसने उन लोगों को ऊपर नहीं उठाया है जो अभी भी दो वक्त की रोटी के लिए परेशान हैं।" देवगौड़ा ने कहा कि सदन को इस बात पर विचार करना चाहिए कि आरक्षण पहले की तर्ज पर ही जारी रखा जाए या फिर केवल उन लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जो सबसे ज्यादा गरीबी से जूझ रहे हैं और जिनका जीवनयापन स्तर खराब है।
पीएम मोदी विचार कर सकते हैं- देवगौड़ा
राज्यसभा में पूर्व पीएम देवगौड़ा ने कहा- "यदि सदन और नेता इस पर विचार करते हैं तो आरक्षण पर कोई भी फैसला लेने से पहले प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) इस पर विचार कर सकते हैं।" देवगौड़ा ने कहा कि बाबासाहेब आंबेडकर द्वारा तैयार किया गया संविधान समय की कसौटी पर खरा उतरा है। (इनपुट: भाषा)
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