देहरादून: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे कश्मीर पर दिए अपने बयान पर घिर गए हैं। बीजेपी के तमाम नेता उनके इस बयान पर कांग्रेस को घेर रहे हैं। ताजा बयान उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का सामने आया है।
धामी ने कहा, 'जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद कश्मीर जाने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि हुई है। सुशील कुमार शिंदे के बयान से ही आप कश्मीर में तब और अब के हालात में अंतर कर सकते हैं। आज पूरी दुनिया देख रही है कि कश्मीर में शांति है।'
धामी ने कहा, 'कश्मीर के लोगों ने देखा है कि राज्य को आतंकवाद में किसने धकेला और आज क्या हालात हैं। कांग्रेस आरक्षण खत्म करने की बात कर रही है, क्योंकि उनका नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन है।'
शिंदे ने क्या कहा था?
अपने संस्मरण 'फाइव डिकेड्स इन पॉलिटिक्स' के लॉन्च पर मंगलवार को कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे ने कहा था कि गृह मंत्री बनने से पहले मैं उनसे (शिक्षाविद विजय धर) मिलने गया था। मैं उनसे सलाह मांगता था। उन्होंने मुझे सलाह दी कि लाल चौक (श्रीनगर में) घूमना नहीं बल्कि जाना और लोगों से मिलना, डल झील घूमना। लेकिन मैं किसे बताऊं कि लाल चौक पर मेरी फ$% रही थी। (मैं डरा हुआ था?)।
शिंदे के इस बयान के बाद पूरा हॉल ठहाके मारकर हंसने लगा। हालांकि इसके बाद शिंदे ने कहा कि यह सिर्फ आपको हंसाने के लिए कहा था, लेकिन एक पूर्व पुलिसकर्मी इस तरह नहीं बोल सकता। शिंदे ने ये बातें राशिद किदवई की किताब के विमोचन के मौके पर कहीं।
पूर्व गृहमंत्री के इस बयान पर बीजेपी ने निशाना साधा था। बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए कहा कि कांग्रेस को शिंदे की बातों पर ध्यान देना चाहिए। यूपीए काल के गृहमंत्री सुशील शिंदे ने माना कि वह जम्मू-कश्मीर जाने से डरते थे। पूनावाला ने कहा कि आज राहुल गांधी आराम से कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा और स्नो फाइटिंग करते दिखे! लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को आतंक के दिनों में वापस ले जाना चाहते हैं!
पूनावाला ने कहा था कि यही तो एक तरह का प्रमाण है कि आर्टिकल 370 और 35A हटने से पहले जम्मू कश्मीर में पीपीपी (पाकिस्तान परस्ती, परिवारवाद और पत्थरबाजी) की राजनीति को कांग्रेस और NC ने बढ़ावा देने का काम किया। आज वो पीपीपी की राजनीति खत्म हुई है और लाल किले से लेकर लालचौक तक तिरंगा लहराता है।